एक बैंक ऐसा भी हैं, जहां ग्राहक भी बच्चे हैं और प्रबंधक भी बच्चे!

By | January 13, 2022

ब्यूरो रिपोर्ट समाचार भारती-

बिहार बाल भवन किलकारी की ओर से बच्चों में पैसे की बचत करने की आदत डालने के लिए ‘गुल्लक बच्चा बैंक’ की स्थापना 14 नवंबर, 2009 में की गई। पटना में 8 साल पहले एक झोपड़ी से शुरु होने वाला ‘गुल्लक बच्चा बैंक’ वर्ष 2017 में 60 लाख रुपये से अधिक का कारोबार कर चुका है।
एक-एक रुपये बैंक में जमा करने वाले बच्चों के खाते में हजार रुपये जमा हो चुके हैं। बच्चे बैंक से पैसे निकालकर उसका प्रयोग अपनी पढ़ाई, मां के इलाज या घर के जरूरी कामों में अपना सहयोग देते हैं।

गुल्लक बच्चा बैंक में 63,11,981 रुपये का लेनदेन हो चुका है। वर्ष 2009 से वर्ष 2017 के सिंतबर माह तक 3598 बैंक खाता खुल चुके हैं। बैंक की स्थापना पर 447 बच्चों को बैंक में खाता खुला था जो आगे चलकर तीन हजार से अधिक हो गए हैं। इसमें से दौ से अधिक खाते का राष्ट्रीयकृत बैंकों में स्थानांतरण कर दिया गया है। वित्तीय वर्ष के अंत में जमा राशि पर गुल्लक बैंक छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज भी देता है।

साथ ही वित्तीय वर्ष के अंत में बच्चों के खाते में 500 रुपये या उससे अधिक जमा राशि पर किलकारी 75 रुपये प्रोत्साहन के रूप में देता है।बच्चे की उम्र 16 वर्ष से अधिक होने पर बच्चे का खाता किलकारी गुल्लक बैंक से सरकारी बैंक में स्थानांतरित कर दिया जाता है।

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