नई दिल्ली। मध्य प्रदेश, राजस्थान और पंजाब में कांग्रेस नेताओं के बीच आपसी टकराव की खबरों की पृष्ठभूमि में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों, प्रभारियों एवं प्रदेश अध्यक्षों के साथ बैठक की। इसमें यह निर्णय हुआ कि चुनावी घोषणापत्र के वादों को त्वरित एवं सुचारू रूप से पूरा करने और इनकी निगरानी के लिए इन राज्यों में समन्वय समिति अथवा दूसरी प्रभावी व्यवस्था बनाई जाएगी।
पार्टी आलाकमान ने संगठन और सरकार के बीच बेहतर संतुलन बनाने के मकसद से पंजाब, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और पुडुचेरी में ये प्रभावी व्यवस्था बनाने का फैसला किया है। कांग्रेस महासचिव अविनाश पांडे ने बताया कि पिछले विधानसभा चुनाव में घोषणापत्र में जो भी वादे किए गए थे उसमें क्या प्रगति हुई है, इस बारे में सभी मुख्यमंत्रियों ने जानकारी दी। संगठन के बारे में प्रभारियों और प्रदेश अध्यक्षों ने जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के अंदर में समन्वय समिति की स्थापना की जाएगी जिससे ये घोषणापत्र के कार्यक्रम को तेजी से और सुचारू रूप से आगे बढ़ाया जा सके। पार्टी की ओर से जारी बयान के मुताबिक सोनिया गांधी ने विधानसभा चुनावों में किए वादों को पूरा करने एवं इनकी निगरानी के लिए प्रभावी व्यवस्था बनाने की जरूरत पर जोर दिया।
कांग्रेस ने कहा कि पार्टी संगठन और सरकारों के बीच प्रभावी समन्वय सुनिश्चित करने के लिए व्यवस्था बनाने के विवरण को लेकर चर्चा चर्चा की गई। पार्टी ने यह दावा भी किया कि केंद्र सरकार कांग्रेस शासित राज्यों में केंद्रीय योजनाओं एवं कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में अवरोध पैदा करने की कोशिश करती है ।
अर्थव्यवस्था में सुस्ती के कारण पैदा हुए हालात से निपटने के लिए कांग्रेस शासित राज्यों द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में भी इस बैठक में चर्चा की गई।
सोनिया के आवास पर हुयी इस बैठक में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी ने भाग लिया।
सोनिया ने पार्टी शासित मुख्यमंत्रियों एवं प्रभारियों के साथ उस वक्त बैठक की है जब इनमें से अधिकतर राज्यों में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के बीच आपसी टकराव की खबरें लगातार आ रही हैं।
मध्य प्रदेश में कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के धड़ों के बीच प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर खींचतान चल रही है तो राजस्थान में मुख्यमंत्री गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच सबकुछ ठीक नहीं होने की बात लंबे समय से कही जा रही है।
उसी तरह के पंजाब में अमरिंदर और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच भी टकराव की खबरें हाल में आई थीं। सिद्धू ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
बैठक के बाद राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि कांग्रेस शासित सभी राज्य सरकारें क्या कर रही हैं और लोगों के लिए क्या किया जा रहा है, इसपर विस्तृत चर्चा हुई। इसके अलावा वर्षों से पार्टी के लिए काम करने वाले कार्यकर्ताओं की भागीदारी को कैसे बढ़ाया जाए इसपर भी चर्चा हुई।
बैठक में मध्यप्रदेश के प्रभारी महासचिव दीपक बाबरिया, राजस्थान के प्रभारी महासचिव अविनाश पांडेय, प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट, पंजाब की प्रभारी आशा कुमारी, प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ और छत्तीसगढ़ के प्रभारी पीएल पुनिया भी शामिल हैं। सोनिया पार्टी शासित मुख्यमंत्रियों एवं प्रभारियों के साथ उस वक्त बैठक कर रही हैं जब इनमें से अधिकतर राज्यों में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के बीच आपसी टकराव की खबरें लगातार आ रही हैं।
