झाबुआ। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ बुधवार को सुदूर आदिवासी इलाके झाबुआ के शहरी आवासहीनों को आवास उपलब्ध कराने की महत्वाकांक्षी योजना मुख्यमंत्री आवास मिशन का शुभारंभ करने जा रहे हैं। इससे शहर की मलिन बस्तियों में रहने वाले आवासहीन भी मकान मालिक बन सकेंगे। इस योजना के तहत 5 लाख मकान बनाए जाएंगे. कार्यक्रम में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री जयवर्द्धन सिंह भी शामिल होंगे। जबकि इस योजना का मकसद मध्य प्रदेश के सभी शहरों में गरीबों को आवासीय भूमि का पट्टा और पक्का मकान उपलब्ध कराना है।
ये है कमलनाथ सरकार की प्लानिंग
मकानों का निर्माण जन-निजी भागीदारी (PPP) से होगा. आवास मिशन योजना में शहरी गरीबों को आवासीय भूमि का स्वामित्व दिया जायेगा. इसके अलावा कच्चे अथवा आधे पक्के मकानों को पूरी तरह से पक्का बनाने के लिए वित्त पोषण और मलिन बस्तियों का एकीकृत विकास किया जाएगा. इसके लिए प्रति मकान एक से डेढ़ लाख रुपए लागत तक की भूमि का फ्री स्वामित्व और मकान निर्माण के लिए अन्य योजनाओं में कन्वर्जेंस से प्रति आवास 2 लाख 50 हजार रुपए अनुदान की राशि दी जाएगी. मलिन बस्तियों के हितग्राहियों को 3 लाख रुपए प्रति आवास और अन्य हितग्राहियों को डेढ़ लाख रुपए अनुदान दिया जाएगा. भूमि एवं इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए प्रति आवास एक लाख 75 हजार से 2 लाख 25 हजार रुपए तक दिये जाएंगे. कमलनाथ सरकार की ये योजना कांग्रेस के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है.
इस दिन से शुरु होगा मिशन
जमीनों के पट्टा वितरण के लिए 15 सितम्बर से प्रारंभिक सूची का प्रकाशन, जांच और दावे-आपत्तियों का निराकरण कर 30 अक्टूबर तक अंतिम सूची का प्रकाशन किया जाएगा. जबकि 5 नवम्बर से 20 दिसम्बर तक पट्टों का वितरण किया जाएगा. मध्य प्रदेश सरकार ‘सबको मिले मकान, है ये लक्ष्य महान’ के ध्येय वाक्य पर काम कर रही है.
इस कारण झाबुआ से हो रही शुरुआत
आपको बता दें कि झाबुआ से इस योजना को शुरू करने मकसद यही है कि यहां उपचुनाव होना है और ये सीट जीतकर कांग्रेस अपने बूते पर विधानसभा में बहुमत पाना चाह रही है. इसलिए ये उपचुनाव काफी महात्वपूर्ण हो गया है. झाबुआ से बीजेपी विधायक रहे जीएस डामोर के सांसद बन जाने से ये सीट खाली हुई है. माना जा रहा है कि इस महीने के अंत तक इस सीट पर चुनाव की घोषणा हो जाएगी और अक्टूबर के पहले पखवाड़े में चुनाव करा लिया जाएगा. इसलिए बीजेपी और कांग्रेस अपनी अपनी तैयारियों में लगी हुई हैं. मजेदार बात ये है कि सीएम कमलनाथ दो बार झाबुआ का दौरा कर चुके हैं, तो वहीं बीजेपी की तरफ केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और फग्गन सिंह कुलस्ते भी झाबुआ आ चुके हैं.
