भोपाल। यह महज संयोग ही है कि मध्यप्रदेश के राजभवन में उत्तर प्रदेश का दबदबा रहा है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि अभी तक यहां राज्यपाल रहे सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश निवासी रहे हैं। इनमें कुंवर मेहमूद अली, रामनरेश यादव और राम प्रकाश गुप्त शामिल हैं। मनोनीत राज्यपाल लालजी टंडन भी उत्तर प्रदेश निवासी हैं। वे 29 जुलाई से मध्यप्रदेश में नई पारी की शुरूआत करने जा रहे हैं।
मध्यप्रदेश में अभी तक कुल 27 राज्यपाल रहे हैं। इसमें राजनीति की पिच पर सफल पारी खेलने वालों में साथ अन्य क्षेत्र में विशेष योग्यता रखने वाले भी शामिल रहे। यहां उत्तर प्रदेश तो टॉप में रहा। अन्य राज्यों की बात करें तो कर्नाटक और हरियाणा के दो-दो व्यक्ति राज्यपाल रहे, अन्य प्रदेश के लोगों को भी मौका मिला। निरंजन नाथ वांचू ही एक मात्र थे जो मध्यप्रदेश के निवासी होने के साथ यहीं के राज्यपाल बने। वे सतना रहने वाले थे। वे अक्टूबर 1977 से अगस्त 1978 तक मध्यप्रदेश के राज्यपाल रहे।
देश के बाहर जन्मे थे ये राज्यपाल –
प्रदेश के राज्यपालों में डॉ. भाई महावीर एक मात्र ऐसे थे जिनका जन्म पाकिस्तान के लाहौर में हुआ था। 22 अप्रेल 1998 से ६ मई 2003 तक राज्यपाल रहे भाई महावीर का कार्यकाल चर्चित रहा। राज्यपाल ने अपनी शक्तियों का ऐसा इस्तेमाल किया कि राजभवन और सरकार में कई बार टकराव की नौबत आई। टकराहट विश्वविालयों को लेकर अधिक रही। उस दौरान दिग्विजय सिंह राज्य के राज्य के मुख्यमंत्री थे। तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने कुलपति नियुक्ति के मामले में राज्यपाल के अधिकार कम करने का प्रयास किया लेकिन सरकार सफल नहीं हो सकी।
शिक्षक, डॉक्टर से लेकर राजनेताओं ने भी संभाली कमान –
प्रदेश के प्रोफेसर, शिक्षक राज्यपालों की बात करें तो वर्तमान राज्यपाल आनंदी बेन पटेल एक सफल शिक्षक रही हैं। इसी श्रेणी में ओम प्रकाश कोहली, भाई महावीर, रामेश्वर ठाकुर, रामनरेश यादव शामिल हैं, जबकि बीडी शर्मा और बलराम जाखड़ तो डॉक्टरेट थे। इसमें भाई महावीर का नाम भी शामिल है। बलराम जाखड़ एक मात्र ऐसे राज्यपाल हैं जो लोकसभा के स्पीकर भी रहे हैं।
मुख्यमंत्री थे राज्यपाल बनने का मिला मौका –
मध्यप्रदेश में पांच राज्यपाल ऐसे रहे जो राज्यपाल बनने के पहले राज्यों के मुख्यमंत्री रहे। इनमें केसी रेड्डी मैसूर, बीडी शर्मा हरियाणा, रामनरेश यादव उत्तर प्रदेश और सीएम पुनाचा कुर्ग के मुख्यमंत्री रहे। कुर्ग को कोडगू भी कहते हैं। अब यह कर्नाटक प्रांत का एक जिला है। इसी प्रकार राजनीति में सक्रिय रहने के बाद राज्यपाल बनने वालों में बीपी सीतारमैया, एचवी पटास्कर, केसी रेड्डी, सीएम पुनाचा शामिल हैं। इनमें सीतारमैया मध्यप्रदेश के प्रथम राज्यपाल रहे हैं।
