नई दिल्ली। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष शीला दीक्षित का शनिवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 81 साल की थीं। उनका दोपहर 2:30 बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि उन्हें सुबह सीने में जकड़न की शिकायत के बाद फोर्टिस एस्कार्ट्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। लंबे समय से बीमार चल रहीं दीक्षित सबसे ज्यादा 15 वर्ष( 1998-2013) तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं।
फोर्टिस एस्कॉर्ट अस्पताल की ओर से जारी बुलेटिन में कहा गया कि उन्हें शनिवार सुबह भर्ती कराया गया था। दिल का दौरा पड़ने के चलते उनकी स्थिति गंभीर थी। डॉ. अशोक सेठ के नेतृत्व में कई डॉक्टर उनकी देखभाल कर रहे थे, लेकिन उन्हें दोपहर में एक बार फिर से दिल का दौरा पड़ा और दोपहर 3:55 पर उनका निधन हो गया।
शीला दीक्षित को 2014 में केरल का राज्यपाल बनाया गया था। लेकिन 25 अगस्त 2014 को उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। वह इस साल उत्तर-पूर्व दिल्ली से लोकसभा चुनाव लड़ी थीं। इस चुनाव में उन्हें भाजपा के मनोज तिवारी के सामने हार मिली। अपने निधन से कुछ दिनों पहले तक वह राजनीति में सक्रिय थीं और हाल ही में उन्होंने दिल्ली में नए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति भी की थी। इसके अलावा कांग्रेस ने यूपी विधानसभा चुनाव में उन्हें मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर भी पेश किया था। शीला को हमेशा से गांधी-नेहरू परिवार का करीबी माना जाता था।
कपूरथला में जन्म : 31 मार्च 1938 को पंजाब के कपूरथला में जन्मीं शीला दीक्षित 1984 से 1989 तक कन्नौज लोकसभा सीट से सांसद रही थीं। 1986 से 1989 तक केंद्रीय मंत्री पद भी संभाला।
दिल्ली की सूरत बदलने का श्रेय : शीला दीक्षित को दिल्ली का चेहरा बदलने का श्रेय दिया जाता है। दिल्ली में मेट्रो के नेटवर्क का विस्तार हो या फिर बारापूला जैसे बड़े रोड नेटवर्क उन्हीं की देन माने जाते हैं।
पीएम मोदी ने शीला के निधन पर जताया दुख
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के निधन पर ट्वीट करते हुए लिखा- “शीला जी के निधन से काफी दुख हुआ। उन्होंने दिल्ली के विकास में काफी अहम योगदान दिया था। उनके परिवार और समर्थकों को सांत्वना।”
राहुल ने कहा- निधन की खबर सुनकर हिल गया
शीला के निधन पर राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा- शीला जी के निधन की खबर सुनकर पूरी तरह से हिल गया। वह कांग्रेस की प्यारी बेटी थी, जिनके साथ मेरी व्यक्तिगत घनिष्ठ निकटता थी। दुख के समय में मेरी तरह से उनके परिवार के सदस्य और दिल्ली के नागरिकों को सांत्वना है, जहां उन्होंने अपने तीन कार्यकाल तक नि:स्वार्थ सेवा की।
केजरीवाल ने कहा- दिल को दहलाने वाली खबर
शीला दीक्षित के निधन को दिल्ली के मुख्यमंत्री ने एक बड़ा नुकसान बताया है। केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए कहा- शीला दीक्षित के निधन की खबर अत्यंत दिल को दहलाने वाली खबर है। यह दिल्ली की एक बड़ी क्षति है और उनके योगदान को हमेशा याद किया जाता रहेगा। मेरी दिल से उनके परिवार के सदस्यों के प्रति सांत्वना है।
मनमोहन ने कहा- खबर सुनकर हुआ हैरान
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शीला दीक्षित के निधन की खबर को हैरान कर देनेवाला बताया। उन्होंने कहा कि शीला दीक्षित के अचानक निधन की खबर ने हैरान किया। उनके निधन से देश ने कांग्रेस के एक समर्पित नेता को खो दिया। दिल्ली की जनता हमेशा उनके मुख्यमंत्री के कार्यकाल के दौरान शहर के विकास में दिए योगदान को लेकर याद करते रहेंगे।
हाल के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने शीला दीक्षित को उत्तर-पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट पर अपना उम्मीदवार बनाया था। हालांकि, उन्हें बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी के सामने शिकस्त का सामना करना पड़ा था।
2014 में बनी थीं केरल की राज्यपाल
2014 में उन्हें केरल का राज्यपाल बनाया गया था। हालांकि, उन्होेंने 25 अगस्त 2014 को इस्तीफा दे दिया था। शीला दीक्षित यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी की करीबी मानी जाती थीं।
दिल्ली की सियासत पर छोड़ी अमिट छाप
1998 में कांग्रेस ने शीला दीक्षित को पहली बार दिल्ली का कांग्रेस अध्यक्ष बनाया। इसके बाद हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को भारी सफलता मिली। उन्होंने पंद्रह वर्ष तक मुख्यमंत्री के तौर पर दिल्ली पर शासन किया।
लगातार पंद्रह सालों तक सीएम रहने वाली देश की पहली महिला नेता भी बनीं। अपने शासन के दौरान सार्वजनिक परिवहन को सीएनजी आधारित करने, फ्लाईओवर के निर्माण को लेकर उन्हें याद किया जाता है।
