प्रियंका की जगह कांग्रेस को पार लगाएगा यह शख्स,जाने कौन है वह?

By | December 28, 2023

पिछले “विधानसभा चुनाव” में महज दो प्रतिशत वोट। लोकसभा में प्रदेश से केवल एक सदस्य। 403 सीटों वाली विधानसभा में सिर्फ दो सदस्य। चार दशकों से अधिक समय से प्रदेश में राजनीतिक वनवास भोग रही पार्टी का सांगठनिक ढांचा उजड़ा हुआ है,ऐसे में “कांग्रेस” जहां एक तरफ,अपने “संगठन” को “मजबूत” करती दिख रही है,तो वहीं दूसरी तरफ राहुल गांधी की “भारत जोड़ो यात्रा” की तर्ज पर “उत्तर प्रदेश जोड़ो यात्रा” और न्याय यात्रा निकालकर,जनता को अपने पक्ष में लाती दिख रही है, लेकिन इस बीच “प्रियंका गांधी वाड्रा” को लेकर तमाम कयास लगाए जा रहे थे,कि वह “उत्तर प्रदेश” की प्रभारी बनाई जाएगी, लेकिन कांग्रेस को आखिर ऐसी कौन सी मजबूरी सता रही है,की आबादी की लिहाज से सबसे ज्यादा वाला प्रदेश,”उत्तर प्रदेश” छोड़कर,प्रियंका अन्य राज्यों के संगठन को मजबूत करने में डटी हुई है,जबकि सबसे ज्यादा स्थिति “इंडिया गठबंधन” को लेकर “उत्तर प्रदेश” में ही “कमजोर” बनी हुई है,ऐसे में “समाचार भारती” अपनी खबर में आज यह आपको दिखाएगा भी और बताया भी,की आखिर अब कांग्रेस की नई प्लानिंग क्या हो सकती है ? दरअसल। कांग्रेस ने अपना कांग्रेस ने अपना नया प्रदेश प्रभारी चुन लिया है,कांग्रेस की यह वर्तमान स्थिति पार्टी के नए प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय की चुनौतियों का सहज ही अहसास कराती है।कांग्रेस ने भले ही नए प्रभारी के पद पर पांडेय की नियुक्ति सवर्ण वोट बैंक पर निशाना साधने के साथ ही,कार्यकर्ताओं में भी नया जोश भरने का प्रयास किया है। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि,प्रियंका वाड्रा की दूसरे राज्यों में व्यस्तता के चलते उत्तर प्रदेश के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं से दूरियां लगातार बढ़ रही थीं।

ऐसे में पार्टी ने आने वाले लोकसभा चुनाव से पहले नए प्रभारी के रूप में एक और प्रयोग जरूर किया है। दरअसल, बतौर प्रदेश प्रभारी प्रियंका वाड्रा के विभिन्न प्रयोग विफल रहे। ऐसी दशा में पांडेय के सामने अलग रणनीति के साथ कार्यकर्ताओं को तेजी से जोड़ने की दोहरी चुनौती होगी।पांडेय का आगमन भी प्रदेश में तब हो रहा है, जब यहां आईएनडीआईए को लेकर कम खींचतान नहीं देखने को मिली है। पांडेय को गठबंधन में शामिल दलों के नेताओं के साथ तालमेल बिठाकर चार दशक से अपने खोए जनाधार को तलाश रही,कांग्रेस को मजबूत करना होगा।पांडेय उत्तर प्रदेश में पहले सह प्रभारी के रूप में भी काम कर चुके हैं। उनके अनुभव को देखते हुए ही,उन्हें यह जिम्मा सौंपा गया है। संगठन का अनुभव रखने वाले पांडेय के सामने पार्टी को अपने इशारे पर नचाने वाले कुछ नेताओं से निपटने की चुनौती भी होगी। इन दिनों यूपी जोड़ो यात्रा चल रही है। यह भी देखना दिलचस्प होगा कि पांडेय कब उत्तर प्रदेश का रुख करते हैं।

प्रदेश कार्यालय में यूपी जोड़ो यात्रा के लिए गठित सलाहकार समिति के सदस्यों की बैठक में,नए प्रभारी के रूप में “अविनाश पांडेय” के चयन के लिए,केंद्रीय नेतृत्व का आभार जताया गया। जहां एक तरफ तेज तरार नेता अजय राय को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर,कांग्रेस ने जनता के बीच में तेजी से जाना शुरू किया है,तो वहीं अब न्याय यात्रा और उत्तर प्रदेश जोड़ो यात्रा को लेकर,कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में एक नया उत्साह देखने को मिल रहा है,लेकिन इन सबके बीच सबसे बड़ी चुनौती कांग्रेस के लिए “इंडिया गठबंधन” को बरकरार रखने की है,क्योंकी सीटों के बंटवारे को लेकर “समाजवादी पार्टी” ही “कांग्रेस” के लिए अब सबसे बड़ी दुश्मन बनती दिख रही है,”मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव” से लेकर अब तक सीधे तौर पर “समाजवादी पार्टी”, “कांग्रेस” की खुली मुकलफत करती दिखाई दी है lऐसे में अजय राय और अविनाश पांडे के सामने जहां एक बहुत बड़ी चुनौती यह सामने दिख रही है,तो वहीं अगर यह दोनों ही शख्स कांग्रेस की नैया को उत्तर प्रदेश में कुछ भी हद तक ऊपर ला सकते हैं,तो यह वाकई में काबिले तारीफ होगा