
ब्यूरो चीफ़ आरिफ़ मोहम्मद कानपुर देहात
*दो बीडीओ समेत तीन एडीओ पंचायत एवं 20 ग्राम सचिवों पर गिरेगी गाज*
कानपुर देहात के चार विकास खंडों में प्राइमरी व जूनियर स्कूलों के कायाकल्प के दौरान बिना टेंडर के, बाजार मूल्य से कई गुना अधिक की कीमतों पर मैग्नेटिक ग्रीन चाक बोर्ड आपूर्ति के बाद सीधे फर्मों को भुगतान कराने के मामले में अब कार्रवाई के निर्देश जारी हुए हैं। घोटाले के 3 साल बाद ही कार्यवाही 2 खंड विकास अधिकारी 3 एडीओ पंचायत एवं 20 पंचायत सचिवों पर कार्रवाई के आदेश दिए गए है। इससे घोटाले में लिप्त लोगों पर निलंबन की कार्यवाही के साथ निकाली गई अनियमित राशि की रिकवरी की जा सकती है। इससे कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है।
तीन वर्ष पूर्व, वर्ष 2020 में कानपुर देहात के प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयो के कायाकल्प के दौरान जिले के चार ब्लॉकों रसूलाबाद, डेरापुर, झींझक व मैथा में यूनिक इंफ्रा प्रोजेक्ट फर्म से बिना किसी टेंडर कोटेशन मनमाने तरीके से बाजार मूल्य से कई गुना अधिक की कीमतों पर सीधे आपूर्ति कराकर फर्मों को भुगतान कर दिया गया था। मामला उजागर होने के बाद अधिवक्ता विवेक शुक्ला ने कमिश्नर से शिकायत कर मामले की जांच करा कर कार्यवाही कराए जाने की मांग की थी। जिस पर कमिश्नर ने उप निदेशक पंचायती राज समेत त्रिस्तरीय कमेटी बनाकर जांच के निर्देश दिए थे। मंडलीय टीम के द्वारा दबाव में सही जांच न हो पाने की आशंका में जांच को 2 नवंबर 2022 को शासन की ओर से जांच निदेशक पंचायती राज को सौंप दी गई। इसमे निदेशक पंचायती राज की अध्यक्षता में एक टीम जांच कर रही थी। जांच टीम ने ग्रीन चॉक बोर्ड की आपूर्ति में बड़ी गड़बड़ी मानते हुये वित्तीय अनियमितता के लिए जाने का खुलासा किया था। और इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी थी। जांच टीम की रिपोर्ट पर पिछले सप्ताह ही तत्कालीन डीपीआरओ शिवशंकर को निलंबित कर दिया था। तथा विकास विभाग के एक बड़े अधिकारी समेत घोटाले में शामिल खंड विकास अधिकारियों के खिलाफ गृह विभाग को पत्र लिखा गया था। अब निदेशक पंचायती राज ने ग्रीन बोर्ड की आपूर्ति के बाद भुगतान करने वाले झींझक व रसूलाबाद के 20 पंचायत सचिवों समेत तत्कालीन तीन एडीओ पंचायत दिनेश पांडेय अश्वनी कुमार व विनय वर्मा सहित दो बीडीओ सच्चिदानंद प्रसाद व बब्बन राय के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए हैं। इसके अतिरिक्त शासन से जारी निर्देश में जनपद के 12 ग्राम विकास अधिकारी व आठ ग्रापं अधिकारी शामिल हैं। अब इन पर निलंबन की तलवार के साथ अनियमित भुगतान की वसूली की जा सकती है। डीपीआरओ इंद्र नारायण सिंह ने बताया कि शासन से पत्र प्राप्त हुआ है। संबंधित पंचायत सचिवों को नोटिस जारी करके इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। एडीओ पंचायत में खंड विकास अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई के लिए पत्र लिखा जाएगा।