ब्यूरो चीफ़ आरिफ़ मोहम्मद
*तहसील के 46 बेदखली आदेशों पर नहीं हो सका क्रियान्वयन*
*ग्राम समाज, खलियान व तालाब पर अवैध कब्जों के 186 मुकदमे तहसील न्यायालय में विचाराधीन*
कानपुर देहात, मैथा तहसील क्षेत्र के मड़ौली गांव में भले ही प्रशासन का बुलडोजर गरीब परिवार पर कहर बनकर गरजा हो लेकिन तहसील क्षेत्र में 186 लंबित धारा 67 के वाद पर कार्यवाही नहीं हो पा रही है। जिससे ग्राम समाज की जमीन समेत खलियान तालाब की भूमि पर लगातार कब्जे बरकरार हैं भूमाफिया चिन्हित होने के बाद भी तहसील प्रशासन इन पर कार्यवाही करने से कतरा रहा है।
मैंथा तहसील क्षेत्र के मड़ौली ग्राम पंचायत में साधारण प्रार्थना पत्र पर डीएम के निर्देश के बाद ग्राम समाज की जमीन पर कब्जा हटवाने के लिए भले ही तहसील प्रशासन ने बुलडोजर चला दिया है। जिसमें मां बेटी की मौत हो गई है लेकिन मैं इतना तहसील क्षेत्र में अभी तक धारा राजस्व के 186 वाद लंबित है वर्षों से तारीखें पढ़ने के बाद इनका निस्तारण नहीं हो सका है वहीं वर्ष 2022 में 46 मुकदमों पर बेदखली आदेश जारी हो सके लेकिन धरातल पर इनका क्रियान्वयन करके कागजों पर ही बेदखली दिखाई जा रही है। इससे मड़ौली गांव में की गई कार्रवाई प्रशासनिक खुन्नस प्रतीत हो रही है। वर्ष 2022 में 46 मुकदमों में बेदखली का आदेश पारित हो चुका है जिसमें से 30 मुकदमे ऊसर भूमि पर अवैध कब्जे के पांच सुरक्षित भूमि खलियान और शेष तालाबों पर अवैध कब्जे के हैं जिन पर न्यायालय तहसीलदार कोर्ट से बेदखली आदेश करने के बाद जुर्माना घोषित करते हुए अमीन व राजस्व निरीक्षकों को अवैध अतिक्रमण हटवाने के निर्देश दिए जाते हैं लेकिन बेदखली की कार्यवाही मैथा तहसील में कागजों तक ही सीमित होकर रह गई है। धरातल में आज भी भूमाफिया जमीनों पर कब्जा जमाए हुए हैं लेकिन तहसील प्रशासन भूमाफिया वह दबंग लोगों के कब्जे हटवाने के बजाय गरीबों पर कहर बरपा रहा है।
