ऑनलाइन धोखाधड़ी करने वाले 7अन्तर्राजीय शातिर अभियुक्त गिरफ्तार

By | February 4, 2023

 

 

लखनऊ से वरिष्ठ छायाकार पंकज जोशी की रिपोर्ट

साइबर क्राइम सेल व जानकीपुरम पुलिस द्वारा फर्जी काल सेंटर संचालित कर मैक्स लाईफ इंश्योरेंस बीमा पालिसी के नाम पर ऑनलाइन धोखाधड़ी करने वाले 07अन्तर्राजीय शातिर सक्रिय अभियुक्त गिरफ्तार, जिनके कब्जे से 95200/- रूपये नगद, 22 अदद मोबाइल फोन, 01 अदद लैपटाप व 12 अदद सिम कार्ड बरामद हुआ है।  पुलिस आयुक्त  कमिश्नरेट लखनऊ द्वारा साइबर अपराध पर अंकुश लगाने हेतु चलाये जा रहे अभियान के क्रम में अपराध में संलिप्त वांछित अभियुक्तो की गिरफ्तारी व अपराध के रोक थाम के आदेश के क्रम में  संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) कमिश्नरेट लखनऊ, पुलिस उपायुक्त (अपराध) व पुलिस उपायुक्त (उत्तरी) कमिश्नरेट लखनऊ के दिशा निर्देश में, अपर पुलिस उपायुक्त (अपराध) व अपर पुलिस उपायुक्त (उत्तरी) के मार्गदर्शन में, सहायक पुलिस आयुक्त अलीगंज व सहायक पुलिस आयुक्त साइबर क्राइम के पर्यवेक्षण में तथा प्रभारी निरीक्षक साइबर क्राइम सेल व प्रभारी निरीक्षक धाना जानकीपुरम के नेतृत्व में सिम कार्ड बरामद कर वैधानिक कार्यवाही की गयी।

वादी द्वारा दिसम्बर माह में साइबर क्राइम सेल पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ में उपस्थित आकर सूचना दी गयी जिसके अधार पर थाना जानकीपुरम में मु0अ0सं0 20/2023 धारा 66 डी आईटी एक्ट में अभियोग पंजीकृत कराया गया था जिसमे अभियुक्त गणो द्वारा बादशाह नगर लखनऊ मेट्रो स्टेशन के निकट स्थित ट्रिनीटी स्क्वायर के तीसरे तल पर एक आफिस संचालित कर, टेली कालिंग के द्वारा लाइफ इंश्योरेंस के लैप्स प्रीमीयम मौजूदा प्रीमीयम के जमा कराने पर विषेश आफर का लालच देकर प्रीमीयम की धनराशि को फ्राड तरीके से खोले गये खातो में जमा कराते थे। पुलिस की कार्यवाही से बचने के लिये लगभग एक माह उपरांत टेली कालिंग में प्रयोग किये जा रहे मोबाइल फोन को सिम सहित तोड़कर फेक देते थे ताकि पुलिस की गिरफ्त में ना आ सके।

अभियुक्तो द्वारा बताया गया कि वह भारत भर के विभिन्न लाइफ इंश्योरेंस कम्पनी का डाटा प्राप्त करते है जिसमें पिड़ित व्यक्तियो के मोबाइल फोन व लाइफ इंश्योरेंस से सम्बन्धित विवरण डाटा में होता है। इसके अलावा जरुरतमंद व्यक्तियो के खाते हम कुच्छ पैसे देकर एग्रीमेण्ट करते है जिसमे खाता खुलने के बाद उनके एटीएम कार्ड अपने पास रख लेते है। लाइफ इंश्योरेंस डाटा में अंकित पिड़ित के मोबाईल नम्बरो को क्रमवार फोन कर लाइफ इंश्योरेंस के लैप्स प्रीमीयम मौजूदा प्रीमीयम को भुगतान पर छूट का लालच देते हैं। छूट के लालच में आकर पिड़ित प्रीमीयम जमा करने को राजी हो जाते है जिसके बाद पिड़ित के प्रिमीयम को हम उन फेक खातो में जमा कराते हैं। पैसा जमा कराने के उपरांत एटीएम कार्ड के द्वारा सभी रुपये कैश निकाल लेते है। पैसा निकालने के कुच्छ समय बाद स्वतः या पुलिस कार्यवाही में खाता फ्रीज हो जाने के बाद मौजूदा एटीएम कार्ड व प्रयोग में लाये गये मोबाइल नम्बरो को बन्द कर तोड़कर फेक देता है ताकि पुलिस के द्वारा पकड़ा न जा सके ।