मैथा में बदहाली का शिकार हो गया सुपर कांप्लेक्स

By | January 31, 2023

 

ब्यूरो चीफ़ आरिफ़ मोहम्मद कानपुर देहात

*डेढ़ दशक पूर्व बाराखेड़ा गांव में बना था सुपर कांप्लेक्स*

*विभागीय उपेक्षा से खंडहर में तब्दील उग आई खरपतवार*

*सुपर कांप्लेक्स होने के बाद भी बना दिया शौचालय ,सरकारी धनराशि का दुरुपयोग*

कानपुर देहात, मैथा ब्लॉक क्षेत्र के बाराखेड़ा गांव में डेढ़ दशक पूर्व लाखों रुपए की लागत से बनवाया गया सुपर कांप्लेक्स एवं सामुदायिक स्नानागार अब तक संचालन नहीं हो सका है। इससे लाखों रुपए की लागत से बने सुपर कांप्लेक्स का उपयोग नहीं हो पा रहा है उसमें बड़ी-बड़ी खरपतवार उग आई है, लेकिन पंचायत के जिम्मेदार लोगों ने इसके संचालन के बजाय फिर से ग्राम पंचायत में नवीन सामुदायिक शौचालय का निर्माण करा दिया। इससे एक ओर नवीन सामुदायिक शौचालय के निर्माण कराने से सरकारी धनराशि के दुरुपयोग का मामला प्रकाश में आ रहा है। वही पंचायतों के इमारतों का किस प्रकार क्रियान्वयन हो रहा है इसकी भी पोल खुल रही है। लेकिन अफसर लापरवाह कर्मचारियों के विरुद्ध जांच कराकर कार्यवाही करने में कतरा रहे हैं।
शासन के निर्देश पर गांव को साफ स्वच्छ बनाने के लिए डेढ़ दशक पूर्व मैथा विकासखंड क्षेत्र के बाराखेड़ा गांव सभा के मजरा अनूपपुर में बने ग्राम सचिवालय के समीप लाखों रुपए की लागत से सुपर कांप्लेक्स का निर्माण कराया गया था। इसमें आधा दर्जन शौचालयों के साथ महिला व पुरुष के स्नानागार भी बनाए गए थे। लेकिन अफसरों की लापरवाही के चलते सुपर कांप्लेक्स का संचालन नहीं हो सका निर्माण के समय से ही पंचायत सचिव ने लापरवाही अपनाई जिससे आज तक उसकी रंगाई पुताई नहीं हो सकी। पंचायत के जिम्मेदार लोगों की उपेक्षा के चलते सुपर कांप्लेक्स के अंदर खरपतवार उग आई है। इससे लाखों रुपए की लागत से बना सुपर कांप्लेक्स व सामुदायिक स्नानागार बदहाली का शिकार है। वही सरकार द्वारा संचालित कायाकल्प योजना के तहत पुरानी इमारतों को संभालने के भी निर्देश दिए गए थे , लेकिन पंचायत सचिवों ने इसे कायाकल्प में सम्मिलित करने के बजाए नवीन शौचालय निर्माण करा दिया। जिससे नए सामुदायिक शौचालय के निर्माण से सरकारी धनराशि का दुरुपयोग हो गया वहीं अब तक पुराने सुपर कांप्लेक्स को संचालित नहीं किया जा सका। इससे लाखों रुपए की लागत से बना सुपर कांप्लेक्स खंडहर में तब्दील हो रहा है , लेकिन पंचायतों के जिम्मेदार लोग इसकी साफ-सफाई व मरम्मत कराकर संचालित करने के प्रति संजीदगी नहीं दिखा रहे हैं। इससे पंचायत सचिव की लापरवाही खुलकर सामने आ रही है। ग्राम पंचायत के महत्वपूर्ण इमारत का भी संचालन ना होने से उनकी कार्यकुशलता व कार्य क्षमता दोनों का आकलन किया जा सकता है। लेकिन अफसर ऐसे लापरवाह सचिवों पर कार्यवाही करने से कतरा रहे हैं। इससे ग्राम पंचायतों में शासकीय धनराशि के दुरुपयोग के मामले निरंतर चल रहे हैं। डीपीआरओ अभिलाष बाबू ने बताया कि सुपर कांप्लेक्स होने की जानकारी नहीं थी अगर इस तरह का कार्य किया गया है तो निसंदेह शासकीय धनराशि के दुरुपयोग का मामला है। प्रकरण की जांच कराई जाएगी और संबंधित सचिव का उत्तरदायित्व तय कर कार्यवाही की जाएगी तथा सामुदायिक सुपर कांप्लेक्स को क्रियाशील कराया जाएगा।