ब्यूरो चीफ़ आरिफ़ मोहम्मद कानपुर देहात
*विद्यालय में कायाकल्प के मानक नही हो रहे पूरे*
*बालक बालिका शौचालय, यूरिनल, रनिंग वाटर , मल्टीपल हैंड वॉश व चाहर दीवारी की ज़रूरत*
*खंड शिक्षा अधिकारी की डिमांड रिपोर्ट ने खोल दी कायाकल्प की पोल*
कानपुर देहात, एक तरफ शासन से लेकर जिला स्तरीय अधिकारी तक विद्यालयों को कायाकल्प के मानकों पर संतृप्त करने के निर्देश दे रहे हैं । लेकिन मैथा विकास खंड के अफसरों के शिथिल पर्यवेक्षण के चलते परिषदीय विद्यालयों में 220 कमियों को कायाकल्प के मानकों को पूरा नहीं किया जा सका है। इस समय क्षेत्र में कायाकल्प योजना पूरी तरह से निष्क्रिय नजर आ रही है। ब्लॉक के सैकड़ों विद्यालयों में बालक, बालिका यूरिनल, मल्टीपल हैंड वॉश, चाहर दिवारी, अक्रियाशील है। वहीं बच्चों के लिए शौचालय बड़ी मात्रा में रनिंग वाटर आदि की समस्या बनी हुई है। जिस पर खंड शिक्षा अधिकारी ने तीन माह पूर्व विद्यालयों की सूची बनाकर ब्लॉक कार्यालय भेजी थी लेकिन अब तक समस्याओं का निस्तारण नहीं हो सका। कायाकल्प के काम कागजों पर दिखाई दे रहे हैं धरातल पर स्कूलों में कोई परिवर्तन नहीं हो रहा है।
खंड शिक्षा अधिकारी मैथा ने कायाकल्प के मानकों पर विद्यालयों में काम कराए जाने के लिए विभिन्न विद्यालयों की 220 कमियों की सूची बनाकर विकास खंड कार्यालय भेजी गई है उसके आधार पर 79 परिषदीय विद्यालय में बालक यूरिनल 50 विद्यालयों में बालिका यूरिनल की आवश्यकता है। 14 विद्यालयों में अभी तक मल्टीपल हैंड वास की स्थापना नहीं हो सकी है इसी तरह 21 विद्यालयों में बाउंड्री वाल नहीं है जिससे विद्यालय में असुरक्षा का माहौल रहता है। इसके अतिरिक्त 34 विद्यालयों में बालक शौचालय एवं 16 विद्यालयों में बालिका शौचालय नहीं है। जबकि 45 विद्यालयों में शौचालय एवं यूरिनल रनिंग वाटर के अभाव में क्रियाशील नहीं हो पा रहे है। इससे मैथा विकासखंड क्षेत्र में कायाकल्प योजना पूरी तरह से दम तोड़ते नजर आ रही हैं। शासन के निर्देशों एवं जिला स्तरीय अधिकारियों की समीक्षा बैठकों के बावजूद कर्मचारियों पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। ब्लॉक के वरिष्ठ अधिकारियों के सिथिल पर्यवेक्षण से विद्यालयों में कायाकल्प योजना गति नहीं पकड़ पा रही है। पंचायत सचिव कागजों पर ही काम शुरू होने की रिपोर्ट दे रहे हैं। इससे विद्यालय कायाकल्प के मानकों पर संतृप्त नहीं हो पा रहे हैं । इससे कायाकल्प योजना पूरी तरह विफल नजर आ रही है। इस बाबत बीडीओ मैथा महिमा विद्यार्थी ने बताया कि पंचायतों में दिव्यांग शौचालय बनाए जाने के काम चल रहे हैं, लेकिन सूची के आधार पर जानकारी चाहे जाने पर उन्होंने कहा कि अभी इस मामले की जानकारी नहीं है एडीओ पंचायत से जानकारी करने के बाद सूचना उपलब्ध करा पाना संभव होगा।
