*बेरहेम पुलिस की पिटाई से युवक की दर्दनाक मौत*
ब्यूरो चीफ़ आरिफ़ मोहम्मद कानपुर देहात
*लूट के आरोप में युवक को लिया था हिरासत में*
कानपुर देहात,
शिवली कोतवाली क्षेत्र के मैथा रोड पर एक सप्ताह पूर्व हुई लूट के खुलासे में नाकाम पुलिस ने तस्दीक के लिए बुलाए गए एक युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी। बेरहेम पुलिस की पिटाई से युवक की दर्दनाक मौत और तो और कि पुलिस ने परिजनों को सूचना दिए बगैर गंभीर हालत में उसे जिला अस्पताल ले गई जहां युवक ने दम तोड़ दिया। युवक के शरीर पर चोटों के निशान पुलिस की बर्बरता से पिटाई की पोल खोल रहे है। वहीं पुलिस सीने में दर्द की वजह से युवक की मौत की बात कह रही है हालांकि परिजनों के द्वारा लगाए आरोप के बाद एसपी ने एसओजी प्रभारी समेत शिवली के कोतवाल एवं मैथा चौकी प्रभारी सहित नौ पुलिस कर्मचारियों को तत्काल निलंबित कर दिया गया है। तथा स्पेशल जांच टीम का गठन कर जांच के निर्देश दिए। पोस्टमार्टम हाउस को पुलिस ने छावनी के रूप में परिवर्तित कर दिया कई थानों का लगाया पुलिस फोर्स पोस्टमार्टम हाउस से लेकर मृतक के गांव में और मैंथा चौकी पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
शिवली कोतवाली क्षेत्र के लालपुर सरैया गांव निवासी चंद्रभान सिंह के साथ पिछले मंगलवार को अज्ञात लुटेरों ने तमंचे के बल पर लूट की घटना को अंजाम दिया था। पुलिस मामले की छानबीन कर रही थी तभी जांच के दौरान शिवली कोतवाल राजेश कुमार सिंह, मैथा चौकी प्रभारी ज्ञान प्रकाश पांडे, एसओजी टीम के प्रभारी प्रशांत कुमार गौतम व रनिया थाना प्रभारी शिव प्रकाश पर आरोप है कि जब लूट के पीड़ित चंद्रभान का भतीजा बलवंत सिंह पुत्र मुन्ना सिंह रनिया के चोकर फैक्ट्री से अपने लोडर से चोकर लेने गया था उसे रनिया के पास से हिरासत में ले लिया। मामले की जानकारी होने पर पीड़ित समेत परिजन रनिया थाने पहुंचे जहां पुलिस टीम के लोग उसके साथ बेरहमी से मारपीट करने में लगे थे और लूट की घटना में शामिल होने के लिए दबाव बना रहे थे। परिजनों के पहुंचने पर उन्होंने मारपीट का विरोध करते हुए कहा कि यह हमारा पारिवारिक भतीजा है इसका घटना से कोई लेना-देना नहीं है इसके बावजूद पुलिस पूछताछ के नाम पर उसे प्रताड़ित करती रही। इससे उसकी हालत बिगड़ गई और पुलिस रात में करीब 11:30 बजे परिजनों को सूचना दिए बगैर बलवंत सिंह को लेकर जिला अस्पताल पहुंची जहां मौजूद डॉक्टर पवन आर्य ने उसको प्राथमिक उपचार दिया और उपचार के दौरान ही उसकी दर्दनाक मौत हो गई। मौत के बाद पुलिस पूरी रात परिजनों को गुमराह करती रही और सूचना दिए बगैर शव को बिना पंचायत नामा के कारवाई किए पोस्टमार्टम हाउस पहुंचा दिया। किसी तरह परिजनो को सूचना मिली कि युवक बलवंत सिंह की मौत हो गयी और शव पुलिस ने जिला अस्पताल पहुचा दिया मौके पर पहुंचे परिजनों ने पुलिस से जानकारी चाही तो पुलिसकर्मियों ने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया फोन मिलाने पर किसी भी पुलिसकर्मी अथवा आला अधिकारी ने परिजनों का फोन तक रिसीव नहीं किया। इसके बाद परिजन पोस्टमार्टम हाउस में हंगामा करने लगे तो कुछ ही देर में अकबरपुर पुलिस सहित सट्टी, डेरापुर, रूरा, रनिया की पुलिस को मौके पर बुला लिया गया और पोस्टमार्टम हाउस छावनी में तब्दील हो गया। इसके बाद परिजन पुलिस पर मारपीट कर हत्या करने का आरोप लगाते रहे वही रनिया थाना अध्यक्ष को रनिया के थाना प्रभारी समेत एसओजी टीम के प्रभारी प्रशांत कुमार शिवली के थाना अध्यक्ष राजेश कुमार सिंह, मैथा चौकी प्रभारी ज्ञान प्रकाश पांडे सहित अन्य पुलिस कर्मियों पर मार पीट कर हत्या करने का आरोप लगाकर तहरीर दी है। एसपी सुनीति ने बताया है कि लूट के एक मामले में तीन आरोपियों को हिरासत में लिया गया था तस्दीक के लिए बलवंत सिंह को बुलाया गया था जिसकी अचानक हालत बिगड़ गई और सीने में दर्द होने की जानकारी दी जिस पर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहा उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई। हालांकि परिजनों के आरोप के आधार पर कोतवाल राजेश कुमार सिंह, एसओजी टीम के प्रभारी प्रशांत कुमार गौतम, मैंथा चौकी प्रभारी ज्ञान प्रकाश पांडे सहित एसओजी टीम के आरक्षी जय कुमार, सोनू यादव, अनूप कुमार, दुर्गेश कुमार व शिवली थाने के उपनिरीक्षक संपत सिंह तथा हेड कांस्टेबल विनोद कुमार को निलंबित कर दिया गया है। एसपी ने बताया कि प्रकरण की जांच कराई जा रही है जांच में दोषी पुलिसकर्मियों के प्रति कठोर दंडात्मक कार्यवाही भी की जाएगी।
