बड़ी खबर: डिप्लोमा फार्मेसी छात्रों के लिए होने वाला एग्जिट एग्जामिनेशन अब नवंबर में नहीं

By | September 18, 2022

 

*रेगुलेशन में बदलाव का प्रस्ताव राज्यों को प्रेषित*
*अब तीन पेपर नहीं, एक पेपर होगा,*

लखनऊ, डिप्लोमा फार्मेसी उत्तीर्ण छात्रों के लिए पंजीकरण से पूर्व एग्जिट एग्जामिनेशन की व्यवस्था में बड़ा बदलाव होने जा रहा है,डिप्लोमा इन फार्मेसी एग्जिट एग्जामिनेशन रेगुलेशन 2022 की धारा 6 में बदलाव का प्रस्ताव फार्मेसी काउंसिल आफ इंडिया द्वारा सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को विचार हेतु भेजा गया है ।
इस प्रकार नवंबर से प्रस्तावित एग्जिट एग्जामिनेशन अब कुछ दिनों तक और टल गया है । ज्ञातव्य है कि डिप्लोमा इन फार्मेसी उत्तीर्ण छात्रों को पंजीकरण के पूर्व एक एग्जिट एग्जामिनेशन देना आवश्यक हो गया है । यह परीक्षा नवंबर से प्रारंभ होने वाली थी, जिसमें कुल 3 पेपर होने थे । फार्मेसी काउंसिल ने छात्रों पर आर्थिक व एवं बड़े प्रशासनिक कठिनाइयों को देखते हुए इसमें संशोधन का प्रस्ताव रखा है उक्त आशय की जानकारी देते हुए फार्मेसिस्ट फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष एवं स्टेट फार्मेसी कौंसिल के पूर्व चेयरमैन सुनील यादव ने बताया कि फार्मेसी काउंसिल की 371वीं एग्जीक्यूटिव कमेटी की बैठक 8 अगस्त 2022 को संपन्न हुई, जिसमें रेगुलेशन में बदलाव करने का निर्णय लिया गया । बदलाव के अनुसार अब एग्जिट एग्जामिनेशन में तीन पेपर की जगह केवल एक ही पेपर होगा जिसमें बहुविकल्पीय प्रश्न होंगे । फार्मास्यूटिक्स, फार्माकोलॉजी, फार्माकोग्नोसी, फार्मास्यूटिकल केमिस्ट्री,बायो केमिस्ट्री, हॉस्पिटल एंड क्लिनिकल फार्मेसी, फार्मास्यूटिकल जूरिप्रूडेंस, ड्रग स्टोर मैनेजमेंट विषयों से प्रश्न बनाए जाएंगे जो अंग्रेजी में होंगे और प्रश्न पत्र का समय 3:30 घंटे का होगा, छात्रों को 50% अंक प्राप्त करना आवश्यक होगा ।
छात्रों के लिए एग्जिट एग्जामिनेशन में सम्मिलित होने की कोई अधिकतम सीमा नहीं होगी । काउंसिल का कहना है कि लगभग दो लाख अभ्यर्थियों को लगातार तीन दिन तक परीक्षा दिलाना बड़ा प्रशासनिक चैलेंज होगा और छात्रों पर आर्थिक बोझ पड़ेगा इसलिए यह संशोधन प्रस्ताव दिया गया है । प्रस्ताव पर 3 महीने में विचार आमंत्रित किए गए हैं, जिसके उपरांत फार्मेसी एक्ट 1948 के सबसेक्शन 3, सेक्शन 10 के अंतर्गत कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी ।
श्री सुनील यादव ने कहा है कि इस बदलाव से छात्रों पर मानसिक और आर्थिक दबाव कम होगा अतः बदलाव स्वागत योग्य है ।
सुनील यादव