सीआईबी बोर्ड खरीद के अनियमित भुगतान पर दो वर्ष में भी नहीं हुई कार्रवाई

By | September 16, 2022

 

ब्यूरो चीफ़ आरिफ़ मोहम्मद कानपुर नगर/कानपुर देहात

*डीसी मनरेगा के कार्यालय में धूल खा रही जांच रिपोर्ट*

*बीडीओ को बचाने में लगा तंत्र*

*सीआईबी बोर्ड के अनियमित भुगतान पर कब होगी कार्रवाई*

कानपुर देहात, संदलपुर ब्लॉक में मनरेगा योजना के तहत बिना काम के किए गए भुगतान के मामले में भले ही तत्कालीन बीडीओ राम नरेश यादव को निलंबित कर दिया गया है, लेकिन मैथा झींझक व रसूलाबाद में अनियमित तरीके से खरीदे गए सीआईबी बोर्ड के मामले में जिला प्रशासन लचर रवैया अपनाएं है। इससे लाखों रुपए के अनियमितता किए जाने के बावजूद दोषी खंड विकास अधिकारी के विरुद्ध निलंबन तो दूर रिकवरी की भी कार्यवाही करने में डीसी मनरेगा रुचि नहीं ले रहे हैं।
संदलपुर में तैनात खंड विकास अधिकारी रामनरेश यादव ने बिना काम के ब्लाक प्रमुख की नजदीकी फर्म में भुगतान कर अनियमितता की थी। जिस पर उसे शासन स्तर से निलंबित कर दिया गया। लेकिन मैथा, झींझक व रसूलाबाद तीन विकास खंडों में तैनात रहे खंड विकास अधिकारी सच्चिदानंद प्रसाद ने राज्यपाल से लेकर प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास एवं डीएम व सीडीओ के निर्देशों की धज्जियां उड़ा कर गैर समूहों से खरीदे गए सीआईबी बोर्ड के मामले में जांच पूरी होने के बाद भी कार्यवाही नहीं हो पा रही है। अफसरों की लापरवाही से पिछले 2 वर्ष से जांच लंबित पड़ी है। मैथा विकासखंड के तत्कालीन प्रभारी बीडीओ प्रभात कुमार गुप्ता ने सीडीओ के द्वारा मांगी गई जांच आख्या रिपोर्ट पर गैर समूहों से सीआईबी बोर्ड खरीदे जाने की पुष्टि करते हुए धनराशि रिकवरी की संस्तुति किए जाने सहित पूरी रिपोर्ट बनाकर डीसी मनरेगा को भेजी थी। लेकिन दो वर्ष से अधिक समय गुजरने के बावजूद जांच रिपोर्ट डीसी मनरेगा के पटल पर लंबित पड़ी है। लेकिन अनियमित भुगतान के मामले में खंड विकास अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही नहीं हो पा रही है जिससे मनरेगा में अनेकों घोटाले होने के बावजूद जिला प्रशासन कार्रवाई नहीं कर पा रहा है। और अनियमित तरीके से गैर समूहो से खरीद कर समूह की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने में बाधक बने खंड विकास अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही न किए जाने से जिला प्रशासन की दोहरी मानसिकता उजागर हो रही है। इस जांच को दो वर्ष से अधिक समय से जांच प्रचलित है लेकिन पूरे होने के बावजूद भी जिला स्तरीय खंड विकास अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही करने से कतरा रहे हैं। इससे उनकी मानसिकता और भ्रष्टाचार में संलिप्तता दोनों उजागर हो रही है। प्रकरण पर कार्रवाई करने के मामले पर डीसी मनरेगा लगातार नए नए बहाने बना रहे हैं। इससे लाखों रुपए के अनियमित भुगतान के मामले पर कार्यवाही नहीं हो पा रही है और सरकारी धन का दुरुपयोग हो चुका है। डीसी मनरेगा हरिश्चंद्र ने बताया कि मैंथा के बीडीओ ने जांच दे दी थी प्रकरण संज्ञान में है जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।