मंत्रिपरिषद ने ‘पर ड्रॉप मोर क्रॉप’ कार्यक्रम में ड्रिप एवं स्पिं्रकलर सिंचाई के प्रोत्साहन हेतु 5 वर्ष तक स्वीकृति प्रदान

By | June 29, 2022

ब्यूरो रिपोर्ट लखनऊ, 

‘पर ड्रॉप मोर क्रॉप’ (माइक्रो इरीगेशन) कार्यक्रम में ड्रिप एवं स्पिं्रकलर सिंचाई के प्रोत्साहन हेतु वित्तीय वर्ष 2022-23 से 2026-27 (05 वर्ष) तक अतिरिक्त राज्य सहायता (टॉप-अप) अनुमन्य किये जाने के सम्बन्ध में

अतिरिक्त राज्य सहायता (टॉप-अप) अनुमन्य किये जाने सम्बन्धी प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति को और अधिक ग्राह्य किये जाने के उद्देश्य से मंत्रिपरिषद द्वारा निर्णय लिया गया है कि ड्रिप सिंचाई, मिनी एवं माइक्रो स्पिं्रकलर के लिए लघु सीमांत कृषकों को पूर्व की भांति यथावत 90 प्रतिशत एवं अन्य कृषकों को 80 प्रतिशत अनुदान की सुविधा सुलभ करायी जाए। यह सुविधा इस अधिक लागतजन्य सिंचाई विधा के अंगीकरण में प्रेरक एवं सहायक होगी।
इस प्रस्तावित कुल अनुदान में अनिवार्य राज्यांश के साथ ही लघु सीमांत एवं अन्य कृषकों को 35-35 प्रतिशत अतिरिक्त राज्यांश अनुदान (टॉप-अप) के रूप में सम्मिलित होगा। कम लागतजन्य एवं लार्ज वॉल्यूम (रेनगन) स्प्रिंकलर में निर्धारित इकाई लागत के सापेक्ष लघु सीमांत कृषकों को 75 प्रतिशत एवं अन्य कृषकों को 65 प्रतिशत अनुदान प्रस्तावित है।
इस प्रकार पोर्टेबल एवं लार्ज वॉल्यूम (रेनगन) स्पिं्रकलर पर कुल अनुदान में लघु सीमान्त एवं अन्य कृषकों को 20 प्रतिशत अतिरिक्त राज्यांश अनुदान (टॉप-अप) के रूप में सम्मिलित होगा। अनुदान की यह व्यवस्था आगामी 05 वर्षों (2022-23 से 2026-27 तक) के लिए लागू रहेगी। प्रदेश के कृषक ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिंचाई का लाभ प्राप्त करने हेतु उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के पोर्टल पर पंजीकरण कराते हुए प्रथम आवक-प्रथम पावक के सिद्धान्त पर योजना का लाभ प्राप्त कर सकेंगे। शासकीय अनुदान की धनराशि संतोषजनक कार्य के सत्यापनोपरान्त डी0बी0टी0 के माध्यम से लाभार्थी के आधार सीडेड बैंक खाते में एवं बैंक ऋण की स्थिति में लाभार्थी कृषक के आधार सीडेड ऋण खाते में अंतरित की जाएगी।
– रेल उपरिगामी सेतु/अधोगामी सेतु निर्मित किये जा सकेंगे। रेल सम्पार आवागमन में सुरक्षा के दृष्टिगत अत्यन्त संवेदनशील स्थल होते हैं। इन स्थलों पर दुर्घटना की सम्भावनाएं निरन्तर बनी रहती हैं। रेल उपरिगामी सेतुओं एवं अधोगामी सेतुओं के निर्माण से रेल सम्पारों पर जनमानस की सुरक्षा के साथ-साथ स्थानीय निवासियों के आवागमन में समय व ईंधन की बचत भी होगी।