उत्तराखंड में सरकार से किया हाईकोर्ट ने चार धाम यात्रा को लेकर सवाल

By | June 23, 2022

ब्यूरो रिपोर्ट उत्तराखंड

उत्तराखंड में चार धाम यात्रा में घायल जानवरों को रखने की क्या व्यवस्था है और अनफिट जानवरों का क्या हुआ? कब तक एसओपी को लागू किया जाएगा। यह सारे सवाल किया है
हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने सरकार से. अदालत ने चारधाम यात्रा में फैली अव्यवस्थाओं और लगातार हो रही घोड़ों की मौतों के मामले में सरकार को तीन सप्ताह के भीतर विस्तृत जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। कितने लोगों और घोड़े-खच्चरों को जाने की अनुमति एक दिन में दी जा सकती है इस मामले की अगली सुनवाई 28 जुलाई को होगी।

यात्रा मार्ग पर पानी की व्यवस्था करने के साथ घायल घोड़ों की देखरेख की जा रही है। सरकार ने कोर्ट को अवगत कराया कि उन्होंने पशु चिकित्सकों के साथ अन्य सुविधाओं को बढ़ाया है। सरकार की ओर से यह भी कहा गया कि बदरीनाथ के लिए 16 हजार, केदारनाथ 13 हजार, गंगोत्री आठ यमुनोत्री के लिए पांच हजार प्रतिदिन श्रद्धालु भेजने का प्रस्ताव है। कोर्ट में इस संबंध में एसओपी अभी शासन में लंबित है जिस पर निर्णय लिया जाना है।
कोर्ट इन व्यवस्थाओं से संतुष्ट नहीं हुई और सरकार से कहा कि वह विस्तृत शपथपत्र पेश करे।