सदन की कार्यवाही सीखने में छूटे व‍िधायकों के पसीने, कई ने की क्लास बंक

By | May 23, 2022

 

ब्यूरो रिपोर्ट:

 

फंस-फंसकर बैठे हैं, पढ़ने में मन नहीं लग रहा… धीरे-धीरे बताइए, हम समझ नहीं पाए… शोर नहीं, आपस में बातें मत कीजिए… चिंता न करिए, धीरे-धीरे सब समझ में आ जाएगा, बस ध्यान लगाइए… जी हां, बिल्कुल किसी क्लास रूम जैसा ही नजारा विधानसभा का था और विधायकों का अंदाज-व्यवहार स्कूली बच्चों जैसा. ई-विधान की क्लास ऐसी, जहां कुछ बच्चे शरारती थे तो कुछ गंभीर.

किसी के लिए पढ़ाया जा रहा पाठ कतई आसान था तो अधिकांश के पसीने छूटे जा रहे थे. चूंकि, यह राजनीतिज्ञों की पाठशाला थी, इसलिए राजनीति आउट आफ सिलेबस कैसे हो जाती. यह समझने की बात है कि तमाम विपक्षी विधायकों का पढ़ने में मन नहीं लग रहा था और उम्र के इस पड़ाव पर पहुंचने के बाद भी संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना और कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही में सीखने की लगन-ललक दिख रही थी.

उत्तर प्रदेश की विधानसभा को कागजरहित बनाते हुए ई-विधान को लागू कर दिया गया है. सभी विधायकों के लिए सीट आवंटन कर वहां टैबलेट लगा दिए गए हैं. नेशनल ई-विधान एप बनाया गया है. कल सोमवार को विधानमंडल का सत्र शुरू हो रहा है. विधानसभा का सत्र डिजिटल होगा, इसलिए विधायकों के लिए विधानसभा मंडप में ई-विधान प्रशिक्षण कार्यक्रम रखा गया.

विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने विधायकों को ई-विधान की उपयोगिता समझाई. इसके साथ ही प्रशिक्षण शुरू होना था, लेकिन कई विधायक टैबलेट चालू ही नहीं कर पा रहे थे. हर ब्लाक में एनआइसी और विधानसभा सचिवालय के कर्मी सहयोग के लिए मुस्तैद थे. उन्हें एक-एक सीट पर जाकर मदद की. फिर राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र और संसदीय कार्य मंत्रालय के अधिकारियों ने तकनीकी प्रशिक्षण शुरू किया कि शोर होने लगा आवाज नहीं रही, आवाज नहीं रही…

खैर, अधिकारियों ने उपसभापति की मेज से बोलना शुरू किया. तभी सपा विधायकों ने शिकायत शुरू कर दी. रोडवेज बस की तरह बैठे हैं. चार लोग एक साथ बैठ नहीं पा रहे. विधानसभा अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि कुर्सियां-मेज नहीं बदली हैं. पहले बैठ जाते थे तो अब क्यों नहीं. चुटकी ली आपका साइज बढ़ गया होगा. प्रशिक्षकों ने बताना शुरू किया तो कुछ विधायक ताका-झांकी करने लगे. वहां शोर भी होने लगा. तब महाना ने टोका कृपया शांत रहिए, आपस में बातें मत कीजिए.