ब्यूरो चीफ़ आरिफ़ मोहम्मद कानपुर देहात
*सीएसआर फंड नहीं मिलने से महिलाएं हुई बेरोजगार*
*महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का सपना टूटा*
कानपुर देहात, राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत ग्रामीण अंचल की महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा लागू की गई प्रेरणा ओजस कार्यक्रम के तहत सोलर असेंबली यूनिट जनपद में पूरी तरह से फ्लॉप हो गई।
अफसरों की अनदेखी और सीएसआर फंड के अभाव में सोलर असेंबली यूनिट का काम विगत 8 माह से ठप पड़ा है। इससे महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने की महत्वपूर्ण योजना जिले में दम तोड़ती नजऱ आ रही है और महिलाएं फिर से चूल्हा चौका तक सीमित होकर रह गई है।
राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर व स्वावलंबी बनाने के लिए सरकार अनेक योजनाओं का संचालन कर रही है।
इसके तहत कानपुर देहात जनपद में मैथा के टोडरपुर, डेरापुर ब्लाक के परौंख ग्राम पंचायत में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार देने की दृष्टि से प्रेरणा ओजस कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी। जिसमें महिलाओं को प्रशिक्षण देकर सोलर उपकरणों को बनाने के लिए असेंबलिंग का प्रशिक्षण दिया गया था। महिलाओं में व्यापक प्रचार प्रसार कर घर से बाहर निकल कर स्वयं काम करने आर्थिक रूप से समृद्ध बनने के लिए जागरूक तभी लाई गई थी।
इससे दोनों केंद्रों पर 11_11 महिलाओं को सोलर उपकरण बनाने के लिए कच्चा माल उपलब्ध कराया गया था जिसमें महिलाओं ने अथक मेहनत कर सोलर बल्ब बनाए थे जिनको आसपास के स्कूलों में छात्र छात्राओं के बीच आपूर्ति दी गई थी। इससे महिलाओं को बेहतर आमदनी के स्रोत खुले थे और महिलाओं में काम करने की इच्छा शक्ति जागृत हुई थी। लेकिन प्रेरणा ओजस से जुड़े अधिकारी एवं जिले के अधिकारियों की लापरवाही के चलते सोलर असेंबली प्रोजेक्ट काम से निरंतर चलने के लिए सीएसआर फंड उपलब्ध नहीं कराया गया और ना ही महिलाओं के साथ सकारात्मक प्रयास किए गए जिससे दोनों जगह के प्रोजेक्ट अक्टूबर 2021 बंद पड़े है।
इससे महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की योजना जनपद में दम तोड़ती नजर आ रही है। और आत्मनिर्भर बनने का सपना लेकर सोलर असेंबली में काम करने वाली महिलाएं फिर से चूल्हा चौका में लगने को मजबूर हो गई। लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इनको स्वरोजगार उपलब्ध कराने के प्रति संजीदगी नहीं दिखा रहे हैं।
*महिलाओं को दिखाए गए सपने हुए चकनाचूर*
महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रेरणा ओजस कार्यक्रम के तहत सोलर असेंबली यूनिट की स्थापना के दौरान तरह-तरह के सपने दिखाए गए थे।
अधिकारियों ने उन्हें पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दृष्टि से प्रशिक्षण दिलाने के साथ ही सोलर उपकरण बनाने के लिए प्रेरित किया था। कच्चे माल को उपलब्ध कराने के साथ ही बाजार में बिक्री के लिए भी अवसर प्रदान कराने की सपने दिखाए थे। योजना के संचालन के समय जनपद के समस्त परिषदीय स्कूलों पंचायत भवनों एवं सामुदायिक शौचालयों में सोलर असेंबली से निर्मित सोलर बल्ब लगाने की भी योजना बनाई गई थी।
जिससे महिलाओं को एक बड़ी राशि मिलने की उम्मीद थी लेकिन संचालन पर 6 माह के अंदर ही सारे सपने टूट कर बिखर गए और अफसरों की अनदेखी से प्रेरणा ओजस का कार्यक्रम ठप हो गया। इससे सोलर असेंबली का काम बाधित होने से फिर से महिलाएं बेरोजगार हो गई और फिर से घर की दहलीज के अंदर चूल्हे चौके में जुट गई इससे महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की योजना पूरी तरह जिले में धरा शाही नजर आ रही है।
