ब्यूरो रिपोर्ट:
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी माना है कि इससे दुनिया के बाक़ी देशों को भी फायदा मिल सकता है. लिहाजा WHO और भारत सरकार ने पारंपरिक चिकित्सा के लिए डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर स्थापित करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए है. पारंपरिक चिकित्सा के लिए ये ग्लोबल नॉलेज सेंटर भारत सरकार की मदद से बनाया जाएगा. इसके लिए भारत 250 मिलियन अमरीकी डॉलर का निवेश करेगा.

इस सेंटर का उद्देश्य लोगों के स्वास्थ्य में सुधार के लिए आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से दुनिया भर से पारंपरिक चिकित्सा की क्षमता को आगे बढ़ाना है.
भारत सरकार और WHO ने सेंटर को बनाने के लिए एक MoU पर हस्ताक्षर किए हैं. ये ग्लोबल सेंटर गुजरात के जामनगर में बनाया जाएगा. आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा है कि ये दुनिया में पारंपरिक चिकित्सा के लिए डब्ल्यूएचओ का एकमात्र ग्लोबल सेंटर होगा. उन्होंने ये भी कहा कि ये हमारे देश के लिए पारंपरिक दवाओं में अपनी ताकत दिखाने का अवसर होगा.
