ब्यूरो रिपोर्ट;
जानकरों ने बताया कि कांडला पोर्ट से राजस्थान के रास्ते रोजाना एक हजार गाड़ियों में तकरीबन 60 हजार टन कोयला सप्लाई होता है. एक अनुमान के मुताबिक तस्कर रोजाना लगभग 400 गाड़ियों में मिलावट करते थे. 60 टन की एक गाड़ी में 30 टन सस्ता इंडोनेशिया का सस्ता कोयला मिलाया जाता था. ऐसे में पर करीब एक गाड़ी पर 4 लाख रुपए की कमाई होती. 400 गाड़ियों पर रोजाना 16 करोड़ कोयले की चोरी करते थे.
गुजरात में करीब 6,000 करोड़ रुपए का कोयला घोटाला सामने आया है. इसके बाद राजस्थान में भी पहली बार कोयले की तस्करी का भंडाफोड़ हुआ है. यह कोयला भी गुजरात के कांडला पोर्ट से एक्सपोर्ट होकर पंजाब सप्लाई होता था. जांच में सामने आया कि यूएस से इम्पोर्ट हुए कोयले में इंडोनेशिया का सस्ता कोयला मिलाया जाता था. इस मिलावट में 10 लाख से ज्यादा का मुनाफा कमाते. नागौर पुलिस ने जहां कार्रवाई की वहां मिलावट का गोदाम बना रखा था. मामले में 7 आरोपियों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया. जब इसकी पड़ताल की तो सामने आया कि रोजाना करोड़ो रुपए का मुनाफा कमाया जाता था.
जांच-पड़ताल शुरू की तो सामने आया कि नागौर में पकड़ी गई कोयला तस्करी तो इस काले कारोबार की बानगी भर है. एक साल से राजस्थान के अलग-अलग हाईवे पर गुजरात से आ रहे इस इम्पोर्ट कोयले की करोड़ों रुपए की तस्करी की जा रही है. जानकारी के मुताबिक US से इम्पोर्टेड कोयला 23 रुपए किलो आता है. वहीं इंडोनेशिया से इम्पोर्ट कोयला 11 रुपए किलो आता है। तस्कर मिलावट कर इस 12 रुपए किलो के डिफरेंस अमाउंट पर कमाई करते थे.
कांडला पोर्ट पर ट्रांसपोर्ट कंपनी के मालिक रणजीत सिंह ने बताया कि साल भर पहले तक यह तस्कर गुजरात में थे. जो कांडला पोर्ट से कोयला लेकर निकलने वाले ट्रक ड्राइवर को लालच देकर खुद को इसमें शामिल कर लेते थे. इसके बाद हाईवे पर र ट्रक से महंगा कोयला खाली कर उसकी जगह इंडोनेशिया का सस्ता कोयला मिला देते थे. कई बार शिकायत मिली तो गुजरात पुलिस ने इस पर एक्शन लिया.
