ब्यूरो रिपोर्ट;
ईरान की न्यूक्लियर डील के क्लाइमैक्स पर पहुंचने की खबरों की वजह से क्रूड ऑयल के दामों में मामूली गिरावट आई थी. उम्मीद की जा रही थी कि 2015 की डील के रिवाइव होने से ईरान पर लगे प्रतिबंध हट जाएंगे और वो दोबारा क्रूड ऑयल की सप्लाई कर सकेगा लेकिन अब खबर आ रही है कि ईरान के तेल को मार्केट में आने में टाइम लग सकता है. ऐसे में आज क्रूड ऑयल 130 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गया. इससे पहले शुक्रवार को दिन में क्रूड 120 डॉलर तक पहुंच गया था, लेकिन शाम को न्यूक्लियर डील की खबरों के कारण ये 110 के करीब आ गया.
एनालिस्ट का कहना है कि अगर इस हफ्ते भी डील फाइनल हो जाती है तब भी ईरान के ऑयल को मार्केट तक आने में मई से जून तक का समय लग सकता है. इसके बाद क्रूड सस्ता हो सकता है. जब 2015 में प्रमुख वर्ल्ड पावर्स और तेहरान के बीच पहली डील हुई थी, उस समय प्रतिबंधों को पूरी तरह से हटाने में छह महीने का समय लग गया था. यूनाइटेड नेशन के वैरिफिकेशन के बाद ही पाबंदिया हटी थी. वहीं एनालिस्ट का यह भी कहना है कि दुनिया भर के ज्यादातर रिफाइनर कई सालों से ईरानी ऑयल नहीं ले रहे हैं और ईरान से इंपोर्ट को फिर से शुरू में 2-3 महीनों की जरूरत होगी.
इसका मतलब है कि अगर भारत भी ईरान से तेल खरीद दोबारा शुरू करता है तो उसे सस्ता तेल मिलने में महीनों का समय लगेगा. 2018 तक भारत ईरान से ऑयल इंपोर्ट में नंबर दो पर था. अमेरिका के प्रतिबंधों के कारण भारत ने ईरान का सस्ता तेल खरीदना बंद कर दिया. इससे पेट्रोल-डीजल के साथ अन्य चीजें महंगी हो गई.
