चिकित्सा सिर्फ पेशा नहीं, बल्कि समाज के कल्याण का सबसे अहम माध्यम-डॉ.फुजैल अशरफ

By | July 1, 2021
प्रदीप दुबे
भदोही:-जिला चिकित्सा- -लय चेतसिंह में पदस्थ क्षय रोगी के परामर्शदाता चिकित्सक डॉक्टर फुजैल अशरफ ने कहा कि डॉक्टर्स मरीजों के जीवन के लिए अहम हिस्से माने जाते हैं । जो मरीजों क़ो बीमारियों में उन्हें फिट रखने का कार्य करते हैं। इसी योगदान के कारण प्रतिवर्ष आज के ही दिन राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस का आयोजन किया जाता है।      
         डा० श्री अशरफ ने कहा कि देश के महान चिकित्सक डा. विधान चंद्र जी का जन्म दिवस व पुण्यतिथि दोनों आज ही के दिन पड़ती है। इसलिए पूरी चिकित्सक बिरादरी आज के ही दिन उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करती है। वह सिर्फ बड़े लोगों के डॉक्टर नहीं थे, बल्कि उच्च पदों पर रहते हुए आजीवन गरीब मरीजों का इलाज मुफ्त में करते रहे ।
   उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस महामारी के दौरान जब सभी नागरिक अपने घरों के अंदर बैठे थे, तो चिकित्सक बिना अपनी जान की परवाह किए इस खतरनाक बीमारी से लोगों की जिंदगी बचाते रहे और उन्हें मौत के मुंह से बाहर निकालते रहे। इसी अहमियत को समझते हुए आज के ही दिन यह दिवस मनाया जाता है । उन्होंने सलाह देते हुए कहा कि चिकित्सकों से बीमारी में कभी झूठ नहीं बोलना चाहिए। उसे अपने बीमारी से जुड़ी सभी बातें बता देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि चाहे बुखार हो या सिरदर्द, किसी भी शारीरिक बीमारी के लक्षण दिखते ही हम तुरंत डॉक्टर से सलाह लेते हैं। लेकिन यह भूल जाते हैं कि शरीर की  तरह कभी हमारा मन भी बीमार हो सकता है , और उसे भी पूरी देखभाल की ज़रूरत होती है। शरीर की भांति हमारा मन भी अलग-अलग लक्षणों के ज़रिये इस बात का संकेत दे रहा होता है कि उसे कोई तकलीफ है, जिसे सही समय पर दूर करना आवश्यक है लेकिन जागरूकता के अभाव में हम इसके लक्षणों को पहचान नहीं पाते। मेंटल हेल्थ को लेकर आज भी समाज में ऐसा टैबू बना हुआ है कि कई बार लोग इसके लक्षणों को जानबूझकर नज़रअंदाज़ करने की कोशिश करते हैं, जो आगे चलकर किसी गंभीर मनोरोग का रूप धारण कर लेते हैं। बताया कि स्वास्थ्य लाभ में दवाएं हमेशा जरुरी नहीं बल्कि विश्वास भी जरूरी होता है।
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