भोपाल। मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार का फ्लोर टेस्ट (शक्ति परीक्षण) होगा या नहीं, इसे लेकर सस्पेंस अब खत्म हो गया है। कमलनाथ सरकार को आज फ्लोर टेस्ट का सामना नहीं करना पड़ेगा। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को ध्यान में रखते हुए विधानसभा की कार्यवाही को 26 मार्च तक स्थगित किया गया। इससे पहले राज्यपाल लालजी टंडन ने अपने अभिभाषण में सभी सदस्यों से अपना दायित्व शांतिपूर्ण तरीके से निभाने की अपील की।
26 मार्च तक विधानसभा स्थगित
विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने कोरोना वायरस का हवाला देते हुए सदन को 26 मार्च तक स्थगित कर दिया। इस पर भाजपा विधायकों ने जमकर हंगामा किया और कहा कि सरकार फ्लोर टेस्ट से डर रही है।
नियमों का पालन करें: लालजी टंडन
भोपाल: विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही देर बाद राज्यपाल लालजी टंडन वहां से बाहर चले गए। उन्होंने कहा, ‘सभी को संविधान के तहत नियमों का पालन करना चाहिए ताकि मध्य प्रदेश की गरिमा संरक्षित रहे।’
कमलनाथ की राज्यपाल को चिट्ठी
सीएम कमलनाथ ने राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर फ्लोर टेस्ट रोकने की मांग की। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थिति में फ्लोर टेस्ट कराना अलोकतांत्रिक होगा। कमलनाथ ने आरोप लगाया है कि बीजेपी ने कांग्रेस के कई विधायकों को कर्नाटक में बंदी बना लिया है।
विधानसभा पहुंचे बीजेपी विधायक
बीजेपी के विधायक दो बसों से विधानसभा पहुंच चुके हैं। एक बस में शिवराज सिंह चौहान और दूसरी बस में नरोत्तम मिश्रा विधायकों के साथ मौजूद रहें।
फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार
मध्यप्रदेश कांग्रेस के मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि हम फ्लोर टेस्ट का सामना करने के लिए तैयार हैं, लेकिन फ्लोर पूरा नहीं हुआ है। कांग्रेस के 16 विधायकों को गायब कर दिया गया है, जिसके बारे में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गृह मंत्री अमित शाह को सूचना दी है।
बंधक विधायकों के स्वतंत्र होने के बाद फ्लोर टेस्ट
मुख्यमंत्री कमलनाथ लगातार यह कहते आ रहे हैं कि वे फ्लोर टेस्ट को तैयार हैं, लेकिन जब तक बेंगलुर में बंधक उनके विधायकों को स्वतंत्र नहीं किया जाता, तब तक फ्लोर टेस्ट नहीं हो सकता। इस बात को सोमवार को भी उन्होंने दोहराया।
