(रिपोर्ट- अदिति मिश्रा)

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी हारेगी तो ही केंद्र की सत्ता से बाहर होगी। उन्होंने कहा कि समाजवादियों ने नारा दिया है ’80 हराओ, भाजपा हटाओ’। समाजवादी पार्टी इसी नारे को लक्ष्य मान कर काम कर रही है। अखिलेश यादव ने आजमगढ़ में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि 2024 के लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी भूमिका होगी। प्रदेश की जनता भाजपा का सफाया करेगी। उत्तर प्रदेश में भाजपा हारेगी तो देश से हटेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार लोकतंत्र और सामाजिक न्याय जातीय जनगणना की विरोधी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि बिना जातीय जनगणना सामाजिक न्याय नहीं मिल सकता !

यादव ने कानून-व्यवस्था पर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा सरकार का ‘जीरो टॉलरेंस’ ‘जीरो’ हो चुका है। उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था ध्वस्त है। अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा को पराजित करने के लिए एक नई रणनीति बनाई है। इस रणनीति के तहत समाजवादी पार्टी अन्य विपक्षी दलों के साथ मिलकर एक मजबूत गठबंधन करेगी। इस गठबंधन के तहत समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में 80 में से 40 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी का लक्ष्य है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश से भाजपा को पूरी तरह से खत्म कर दिया जाए। अखिलेश यादव की इस घोषणा का विपक्षी दलों ने स्वागत किया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि अखिलेश यादव की घोषणा से देश के लोकतंत्र को मजबूती मिलेगी। भाजपा ने अखिलेश यादव की घोषणा को खारिज कर दिया है। भाजपा ने कहा कि समाजवादी पार्टी सिर्फ झूठे वादे करती है। भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में फिर से जीत हासिल करेगी। अखिलेश यादव की रणनीति का विश्लेषण करने पर यह स्पष्ट होता है कि यह रणनीति उत्तर प्रदेश में भाजपा को पराजित करने के लिए काफी कारगर हो सकती है।

सबसे पहले, यह रणनीति विपक्षी दलों को एकजुट करने में मदद कर सकती है। समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है। अगर समाजवादी पार्टी अन्य विपक्षी दलों के साथ मिलकर एक मजबूत गठबंधन बनाती है, तो यह गठबंधन उत्तर प्रदेश में भाजपा को पराजित करने में सक्षम हो सकता है। दूसरे, यह रणनीति समाजवादी पार्टी को उत्तर प्रदेश में एक मजबूत स्थिति में ला सकती है। अगर समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में 40 सीटों पर चुनाव लड़ती है, और इनमें से कुछ सीटें जीत जाती है, तो यह समाजवादी पार्टी के लिए एक बड़ी जीत होगी। इससे समाजवादी पार्टी का उत्तर प्रदेश में आधार मजबूत होगा।
तीसरे, यह रणनीति देश के लोकतंत्र को मजबूत करने में मदद कर सकती है। अगर विपक्षी दल एकजुट होकर चुनाव लड़ते हैं, तो यह भाजपा के तानाशाही प्रवृत्तियों को रोकने में मदद कर सकता है। हालांकि, अखिलेश यादव की इस रणनीति को सफल बनाने के लिए समाजवादी पार्टी को कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। इन चुनौतियों में सबसे बड़ी चुनौती विपक्षी दलों को एकजुट करना है। अगर समाजवादी पार्टी विपक्षी दलों को एकजुट नहीं कर पाती है, तो यह रणनीति सफल नहीं हो सकती है।
दूसरी चुनौती यह है कि समाजवादी पार्टी को उत्तर प्रदेश में अपनी स्थिति मजबूत करनी होगी। अगर समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में मजबूत स्थिति नहीं बना पाती है, तो यह रणनीति सफल नहीं हो सकती है।

