ब्यूरो रिपोर्ट:
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को केंद्रीय बजट में आयुष मंत्रालय में शोध को बढ़ावा देने, किफायती आयुष सेवाओं का विस्तार करने, राज्यों के साथ मिलकर आयुष को बढ़ावा देने तथा पूर्वोत्तर क्षेत्रों में आयुष के विशेष विकास पर बल देने के लिये आयुष मंत्रालय को 3050 करोड़ का बजट आवंटित किया है, जो पिछली बार करीब 26 सौ करोड़ का था.
इस बार पिछले बजट की तुलना में चार सौ करोड़ की बढ़ोतरी की गई है ताकि आयुर्वेद और पारम्परिक चिकित्सा पद्धतियों को नया आयाम मिल सके.
रिसर्च को मिलेगा बढ़ावा
केंद्रीय मंत्री ने आयुष मंत्रालय में रिसर्च को बढ़ावा देने के लिये सबसे बड़ा बजट अलॉट किया है. बजट में अनुसंधान काे कुल 682 करोड़ की सौगात दी गई है. इसमें केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद काे सबसे बड़ा बजट रिसर्च के लिये दिया है.
परिषद को 358.50 करोड़ का बजट अलाॅट किया गया है. वहीं केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद को 143.70 करोड़ और केंद्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान परिषद को 175.80 करोड़ दिये हैं.
इस बजट से आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के वैधीकरण के लिये वैज्ञानिक अनुसंधान शुरू किये जायेंगे. इससे नई औषधियों की खोज, उसका सर्वेक्षण, उसके रिसर्च को बढ़ावा मिलेगा. इसके तहत औषधीय पादप अनुसंधान, चिकित्सा-नृजातीय वानस्पतिक सर्वेक्षण, औषधीय मानकीकरण और अनुसंधान के रिसर्च के पब्लिकेशन को नई दिशा मिलेगी.
