
समाचार भारती के लिए योगेश गुप्ता की रिपोर्ट
खास रिपोर्ट
*22 दिसंबर को लखनऊ मे अबध प्रदेश कार्यकारिणी बैठक अन्य सभी प्रदेश अध्यक्षो को आमंत्रण*
*क्षत्रिय उत्पीड़न की घटनाओं का व्यौरा दे मुख्यमंत्री को अवगत कराएगे राष्ट्रीय अध्यक्ष*
*तीन चरणो मे केसरिया यात्रा को लेकर अहम निर्णय होगा*
*लक्ष्य थोड़ा बड़ा लेकिन असंभव नहीं:*💪 *राघवेन्द्र सिह राजू*
*लखनऊ 13 दिसंबर 2024*
अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा का निंरतर अभियान एकता का चल रहा
संगठन को मजबूत करने व आगामी महासभा अभियान को मजबूत करने के लिए कुछ आंशिक फेरबदल जल्द होना तय निष्ठावान व ऊर्जावान कार्यकर्ता को ही सम्मान बढाए .
वरिष्ठ राष्ट्रीय महामंत्री राघवेन्द्र सिह राजू ने कहा कि स्वयं मेरा पद किसी जिम्मेदार को दिए जाने के संकेत राष्ट्रीय अध्यक्ष को बैठक मे दे दिया आगामी 2025 मे खुला निर्वाचन के साथ जिलो मंडल प्रदेश मे सक्रियता से कार्य जिम्मेदारी निभाने वालो का सम्मान बढे
वह संगठन मे कार्यकर्ता के रूप मे आज भी कार्य करते है करते रहेगे
.मंच माला .फूल .कुर्सी की आपसी कुश्ती से आपसी मनभेद ने समाज को कमजोर किया है मै एक दर्जन संगठन प्रमुखो को एक मंच पर मा कुंवर हरिवंश सिह पूर्व सांसद के नेतृत्व मे एकजुट किया है .कैबिनेट लोकसभा व विधानसभा राज्यसभा निगम पंचायतो क्षत्रियों का प्रतिशत गिरना सारे देश के राजपूताना संगठनो की सबसे बडी कमजोरी है हमारी अहंकार धमंड हम ही श्रेष्ठ कमजोरियों का अन्य वर्ग मौके समाज ने फायदा उठा कर अपने समाज को बढाया
आज देश मे कही क्षत्रिय महामहिम राज्यपाल क्षत्रिय नजर नही आ रहा क्यो
1 फरवरी 2024 को प्रयागराज राष्ट्रीय प्रबंध कार्यकारिणी मे पदाधिकारियों के कार्यो का कार्य क्षमता का मुल्याकंन होगा वही कुछ प्रोन्नति किए जा सकते
हर प्रदेश के जिलो को मंडल प्रदेश सहित बूथ स्तर पर मजबूत संगठन होगा .संघे शक्ति कलयुगे राघवेन्द्र सिह राजू ने कहा
कि हमें गर्व होना चाहिए हम ताे क्षत्रिय है लेकिन आज कल जातियों धर्म छुपाने का अब जो दौर आ रहा है
नई पीढी को सावधान रहना होगा
अलग अलग राजपूताना संगठनो को संगठित करने का प्रयास करने की बैठकों का दौर चला है सफल भी हुआ
राजू ने कहा कि क्षत्रियों
हमने स्वाभिमान से जीना एवं स्वाभिमान से मरना सीखा है | राजपूतों ने राष्ट्र की रक्षा , धर्म की रक्षा , समाज की रक्षा के साथ जो उस समय का नियम – विधान – क़ानून को अक्षरश:पालन करते है
क्या वर्तमान में हम अतीत से कुछ सिखे है ..?
क्या वर्तमान लोकतंत्र को हम अतीत से सिख कर कार्य कर रहे है ….?
वर्तमान न्यायपालिका – क़ानून की हम सभी को पूरी जानकारी है ..?
अतीत की राजतंत्र और वर्तमान लोकतंत्र को हम सभी समीक्षा करते है …?
आए हम सभी क्षत्रिय समाज एकाग्रचित्त होकर खुले मन – विचार से मंथन कर एक वर्तमान युग में प्रगति के लिए एक नियम – सिद्धांत निर्धारित कर समाज को संदेश दे एवं मर्गदर्शित करे ..।
लम्बे समय के बाद देश आजाद हुआ तो जातिगत राजनीति एवं पिछडे वर्ग के लिए आरक्षण के नाम पर राजपूतों को राजनीतिक एवं आर्थिक रूप से कमज़ोर किया गया –
राजपूतों की शक्ति एकता के अभाव के साथ उचित – सही मार्गदर्शन नहीं मिलने के कारण स्वाभिमान कम होता गया |
अन्य जातियां हम पर हावी होती गई ….
गन्दी राजनीति के कारण राजपूतों में फूट
पड़ गई ….
हम आर्थिक रूप से कमजोर होते चले गए
हमारी एकता भी क्षीण होती गई….
जहाँ अन्य जाति के राजनीतिज्ञों ने अपनी -अपनी जाति के उत्थान के लिए खुलकर काम किया वही….हमारे राजपूत नेताओं ने अपने राजपूतों के हर क्षेत्र में उत्थान के लिए मज़बूत आवाज़ नही बन पाए.!
वोट ज़रूर लिए और समाज एक तरफ़ा वोट दिया भी ।
देश स्तर पर हजारों राजपूत संगठन बने लेकिन अधिकतर संगठनों की बागडोर अतीत के साथ वर्तमान को गहराई से नही समझ पानेवाले इतने कमजोर नेतृत्व.. के हाथों में रही कि वे सही मार्ग समाज को नहीं दिखाला पाए !
उन्हें खुलकर राजपूतों के बारे में, उनकी एकता एवं विकास के बारे में बोलने की हिम्मत ही नहीं पडी.
हालत यही रही तो क्षत्रिय समाज काफ़ी हर क्षेत्र में पिछड़ और बिखरते जाएंगे । हमारी हिन्दूत्व वादी संगठन हिन्दूरक्षा सेना
करणी सेना सहित किसान यूनियन भानु सहित एक दर्जन संगठनो साथ बातचीत हो चुकी हम क्षत्रिय हित की कार्ययोजना तैयारी कर रहे.
वर्तमान समय में जरूरत है एक मजबूत नेतृत्वकर्ता की जो अतीत के इतिहास , वर्तमान लोकतंत्र , क़ानून को गहराई से समझे ।जिससे
हिन्दूत्व का वर्तमान और आने वाली पीढ़ी का भविष्य उज्जवल हो क्या अब देश में, रोजगार, शिक्षा, विकास, अर्थव्यवस्था की बात होगी? नहीं
ढेरों गैरजरूरी मसाला और मसले है राजनीति के लिए महापुरुषों मूर्तियों को लेकर वोट की राजनैतिक धटक्रमो पर नाराजगी दिखाई दिया देश मे समाज को बांटने छाटने आपस मे लडाने की साजिश पर गहरी चिंता जताई गई
मिशन एकजुटता एक नेतृत्व से जुड़े लोगों से कहा समय पहिचाने
परिक्रमा नही पराक्रम से सम्मान मिलेगा.
*समाचार भारतीय लखनऊ*