हिल गया था पाकिस्तान, इमरान ने मदद के लिए जिनपिंग से लगाई थी गुहार – पूर्व राजनयिक अजय बिसारिया ने अपनी किताब में किया खुलासा।

By | January 10, 2024

कुमार दीपक (संपादक)

26 फरवरी 2019 को भारत के वायु सेना ने पुलवामा में हुए आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविरों पर बम गिराए थे। इस एयर स्ट्राइक ने पाकिस्तान को गहराई से हिला दिया था। पाकिस्तानी सेना और सरकार के बीच तनाव बढ़ गया था और पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय छवि को भी नुकसान पहुंचा था। पुलवामा में 14 फरवरी 2019 को हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत के युद्धक विमानों ने 26 फरवरी, 2019 को पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविरों पर बम गिराए थे. इसके बाद भारत और पाकिस्तान संबंधों में गंभीर तनाव में आ गया था. भारत द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक करने के बाद, नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच तनाव कम करने के लिए कई देशों ने अपने विशेष दूत भेजने की पेशकश की थी. चीन ने भी सुझाव दिया था कि वह तनाव कम करने के लिए दोनों देशों में अपने उप मंत्री भेज सकता है, लेकिन भारत ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था।

इस स्थिति में, पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मदद मांगी थी। उन्होंने जिनपिंग को बताया कि भारत की एयर स्ट्राइक पाकिस्तान की संप्रभुता का उल्लंघन है और उन्होंने भारत से माफी मांगने का आग्रह किया। जिनपिंग ने इमरान खान को आश्वासन दिया कि चीन पाकिस्तान के साथ खड़ा है। उन्होंने कहा कि चीन भारत से बात करेगा और उसे शांति बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित करेगा।

पूर्व राजनयिक अजय बिसारिया ने अपनी किताब ‘Anger Management: The Troubled Diplomatic Relationships Between India And Pakistan’ में इस बारे मे बताया है. अजय बिसारिया उस दौरान इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायुक्त थे. अजय बिसारिया अपनी किताब में लिखते हैं, ‘भारत की जैसे को तैसा वाली कूटनीति प्रभावी रही थी। चीन की ओर से पाकिस्तान को सुझाव दिया गया कि वह अमेरिका ही है जो भारत के साथ संबंधों में उसकी मदद कर सकता है. चीन ने यह भी कहा कि भारत के साथ तनाव कम करने और उसे शांत करने के लिए पाकिस्तान को अमेरिका के साथ संबंधों में उसकी मदद कर सकता है. चीन ने यह भी कहा कि भारत के साथ तनाव कम करने और उसे शांत करने के लिए पाकिस्तान को अमेरिका के साथ-साथ अफगानिस्तान से भी बात करनी चाहिए।

अपनी किताब में उन्होंने यह भी लिखा है कि भारत विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को वापस लाने के लिए भारतीय वायु सेना का एक विमान पाकिस्तान भेजने को तैयार था, लेकिन पाकिस्तानी सरकार ने इसकी अनुमति देने से इनकार कर दिया था. बिसारिया अपनी किताब में लिखते हैं, ‘हम उसे लेने के लिए भारतीय वायु सेना का एक विमान भेजने को तैयार थे, लेकिन पाकिस्तान ने अनुमति देने से इनकार कर दिया था. बिसारिया अपनी किताब में लिखते हैं, ‘हम उसे लेने के लिए भारतीय वायु सेना का एक विमान भेजने को तैयार थे, लेकिन पाकिस्तान ने अनुमति देने से इनकार कर दिया बिसारिया अपनी किताब में लिखते हैं, ‘हम उसे लेने के लिए भारतीय वायु सेना का एक विमान भेजने को तैयार थे, लेकिन पाकिस्तान ने अनुमति देने से इनकार कर दिया पिछले तीन दिनों में जो कुछ भी हुआ था, उसके बाद भारतीय वायु सेना के विमान का इस्लामाबाद में उतरना निश्चित रूप से पाकिस्तान को स्वीकार्य नहीं था. अजय बिसारिया की किताब आजादी के बाद से भारत-पाकिस्तान संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालती है. इसे रूपा पब्लिकेशन ने पब्लिश किया है. बता दें कि भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी के रूप में अजय बिसारिया का 35 वर्षों का राजनयिक अनुभव रहा है. इंडियन एयरफोर्स के पायलट अभिनंदन वर्धमान (अब ग्रुप कैप्टन) ने 27 फरवरी, 2019 को अपने मिग 21 बाइसन जेट से अमेरिका निर्मित एक पाकिस्तानी F-16 जेट को मार गिराया था. डॉग फाइट में उनका फाइटर प्लेन क्रैश हो गया था और इमरजेंसी इजेक्शन के बाद उनका पैराशूट पाकिस्तानी सीमा में लैंड हुआ था. स्थानीय लोगों ने अभिनंदन को बंधक बना लिया था।

हालांकि, चीन ने पाकिस्तान को कोई प्रत्यक्ष सैन्य सहायता नहीं दी। चीन ने पाकिस्तान को सुझाव दिया कि वह अमेरिका से बात करे क्योंकि अमेरिका ही है जो भारत के साथ संबंधों में उसकी मदद कर सकता है। इसके बाद, पाकिस्तान ने अमेरिका से बात की। अमेरिका ने पाकिस्तान को आश्वासन दिया कि वह उसे भारत के साथ संबंधों को सामान्य बनाने में मदद करेगा।

अंततः, भारत और पाकिस्तान ने बातचीत की और बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद के तनाव को कम किया। हालांकि, इस घटना ने पाकिस्तान-भारत संबंधों में एक नया मोड़ दिया।