
हाईकोर्ट के आदेश के बाद गुजरात पुलिस ने फार्मा कंपनी के शीर्ष अधिकारी के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज किया है।
मशहूर दवा र्निमाता कंपनी कैडिला के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के खिलाफ बलात्कार का मुकदमा दर्ज किया गया है । पुलिस ने बुल्गेरिया की महिला की शिकायत पर कथित बलात्कार, हमले और जानबूझकर अपमान करने का मामला दर्ज किया है। महिला एक फ्लाइट अटेंडेंट के रूप में कंपनी में शामिल हुई थी। गुजरात पुलिस के एक अधिकारी ने रविवार को कहा, अहमदाबाद की फार्मा कंपनी के सीएमडी पर आईपीसी (अब भारतीय न्याय संहिता) की अलग-अलग धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस ने बताया कि रविवार को सीएमडी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 (बलात्कार), धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से हमला) और धारा 504 (जानबूझकर अपमान करना) के तहत मामला दर्ज किया गया। सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) एचएम कंसाग्रा ने बताया, गुजरात उच्च न्यायालय ने 22 दिसंबर को अपने आदेश में पुलिस को मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था।
पुलिस के मुताबिक, अदालत के आदेश के बाद कंपनी के सीएमडी और उनकी कंपनी के एक कर्मचारी के खिलाफ अहमदाबाद के सोला पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया। पुलिस अधिकारी ने कहा, पीड़िता की तरफ से दायर कराई गई शिकायत के आधार पर कैडिला फार्मा के सीएमडी राजीव मोदी और जॉनसन मैथ्यू नाम के एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया है। पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) लवीना सिन्हा ने कहा, हाईकोर्ट ने सीआरपीसी की धाराओं तहत मामले की पुलिस जांच का निर्देश दिया था। इसके बाद धारा 156 (3) के तहत प्राथमिकी (FIR) दर्ज की गई। हम इस पर कार्रवाई नहीं कर सकते। पुलिस जांच के बाद अदालत को रिपोर्ट सौंपेगी।
दो महीने में जांच पूरी करने का निर्देश
गौरतलब है कि विगत 22 दिसंबर को पारित आदेश में हाईकोर्ट ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को शिकायत की जांच का आदेश पारित करने का निर्देश दिया था। उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि जांच उप महानिरीक्षक (कानून एवं व्यवस्था) की तरफ से नामित वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी की देखरेख में होनी चाहिए। जांच दो महीने के भीतर पूरी की जानी चाहिए।
2022 में भारत आई महिला
रिपोर्ट के मुताबिक बुल्गेरिया की पीड़िता ने राजीव मोदी के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लेने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। शिकायतकर्ता ने अपनी याचिका में कहा कि वह फ्लाइट अटेंडेंट की नौकरी के लिए 24 नवंबर, 2022 को भारत आई और कैडिला फार्मा फर्म में शामिल हो गई। उसकी जॉब प्रोफाइल बदलकर बटलर-पर्सनल अटेंडेंट बना दिया गया। उसे फर्म के सीएमडी के साथ रहने और यात्रा करने के लिए नियुक्त किया गया।
पांच महीने में नौकरी से निकाला, दबाव देकर मुआवजा लेने का हलफनामा
पीड़िता का आरोप है कि नौकरी के दौरान उसे यौन उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा। आरोपी की ‘अवैध मांगें’ न मानने पर उसे 3 अप्रैल, 2023 को नौकरी से हटा दिया गया। उसने इस संबंध में बुल्गेरिया के दूतावास और विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय से संपर्क किया। हालांकि, उस पर शिकायत वापस लेने का दबाव डाला गया। महिला पुलिस थाने में हलफनामा दायर करने के लिए भी मजबूर किया गया। हलफनामे में नियोक्ता के साथ विवाद सुलझाने और 24 लाख रुपये का डिमांड ड्राफ्ट रिसीव करने का जिक्र है।