
समाचार भारती के लिए योगेश गुप्ता की रिपोर्ट
समस्त देशवासियों को गणतंत्र दिवस की अग्रिम शुभकामनाएँ .राघवेन्द्र सिह राजू
राजपूताना की शायरी सोशल मीडिया पर लिखना तो हमें भी आता है,धरातल पर कौन लड़ेगा
वक़्त की मांग अपने समाज व अपने”धर्म” की 🏹रक्षा करना है🏹- राघवेंद्र सिंह राजू
नई दिल्ली 25 जनवरी 2025
अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा केन्द्रीय जनसम्पर्क कार्यालय आस्था कुंज अशोका पहाडी करोलबाग मे संगठन के वरिष्ठ राष्ट्रीय महामंत्री राघवेन्द्र सिह राजू ने कहा की कल गणतंत्र दिवस पर एकता का संकल्प ले
धर्म की जय हो अधर्म का नाश. हो…कहने के दिन गए अब करने के दिन आ ही गए हैं…
नहीं तो राजपूतों का शौर्य हमेशा सिर्फ किताबो में पढ़ने को मिलेगा,सपने पुरे करने के लिये,
कुछ सपने होना भी जरुरी है !
कुर्सी पाने चाेला की तरह रंग बदलने वालों ने हमारी ताकत क्या थी व अब आज क्या है?, देश का लगभग 13% से अधिक समाज आबादी ही क्षत्रियाे की
आज वर्ण व्यवस्था जातियों मे उपभ्रंश पैदाकर वोट बैंक ने समाज को आज उप -जातियों में विभाजित किया गया यदि , बिछडाे से भी जिनसे भले हम बेटी का संबंध नहीं करते हाे पर उनसे रोटी का संबंध कायम कर सकते ,ताे हम अपनी विशाल – शक्ति का एहसास करा सबकाे ही करा सकते दिखा सकते हमारे शास्त्रों
मे ही चार वर्ण थे “क्षत्रिय “ब्राह्मण, वैश्य ,शूद्र , साजिशन हमे कई जातियों और उप ,जातियों व वर्ण व्यवस्था आज समाज को विभाजित कर दिया गया वोट तंत्र व थाेपतंत्र के कारण ही हमारे बिछड़े व पिछड़े परिवार के लाेगाे के बारे मे यह किताब “इतिहास लौटा” नामक जो उ.प्र वाराणसी से प्रकाशित हुई
में स्पष्ट 6857 उन सभी विभाजन किए गये लोगों का जिक्र भी है। देश ही नही विश्व की सबसे मजबूत राजपूताना काैम , शस्त्र और शास्त्र में पारंगत पूरे विश्व की सबसे शक्तिशाली यह समाज यदि खुद ही आपस में लडाई झगड़ा छाेड दे नया इतिहास रच देगी यह सब जानते की यह काैम आज भी अपनी तीन प्रमुख क्षेत्राे मे जिसमे यह सामाजिक आर्थिक राजनीतिक क्षेत्र में अपने पराक्रम का एहसास करा सकती है ,अब इस समय परिक्रमा करने का दाैर खत्म होने वाला है हमे स्वयं अपने को मानाे , पहचानो ,जानाे
पर यही चिंता और चिंतन का विषय ,
राजपूत इस देश का इतिहास रीढ है, राजपूत इस देश की जीवन रेखा है, राजपूत इस देश की रक्त वाहिनी है , राजपूताना कमजोर होगा तो
हमारा देश कमजोर होगा हमारा
इतिहास इस बात का साक्षी हैl।कि
आज वोट की अति महत्वाकांक्षा में
व सर्व समाज मे विखंडित क्षत्रिय समाज के प्रति बेहद अनर्गल,असत्य,भ्रामक तथ्यहीन ब्याख्यान राजनीतिक दलों द्वारा एकजुटता को खंडित किए जाने के लिए जारी है हमेशा एक थे अब एक ही रहेंगे,
आपसी ,वैचारिक मनभेद हो सकते हैं
मतभेद नही हो सकते हैं,।।।।।।।।।
गणतंत्र दिवस की अग्रिम शुभकामनाएँ
समाचार भारतीय नई दिल्ली