
ब्यूरो रिपोर्ट समाचार भारती-
सिडनी – विकेटकीपर बल्लेबाज रिषभ पंत का मानना है कि उन्होंने ‘नर्वस नाइंटीज सिंड्रोम’ का सामना किया, लेकिन उन्होंने कहा कि दूसरे छोर पर रवींद्र जडेजा के रहने से उन्हें पिछले टेस्ट मैचों की तुलना में खुलकर खेलने में मदद मिली। ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर शतक जमाने वाले पहले भारतीय विकेटकीपर बने पंत ने जडेजा (81) के साथ सातवें विकेट के लिए 204 रन की साझेदारी की।
यह पूछे जाने पर कि बार-बार अपना विकेट सस्ते में गंवाने के बाद इस बार क्या बदलाव किया तो पंत ने कहा, मुझे नहीं लगता कि मैंने कोई बदलाव किया। सबसे अहम बात यह है कि इस बार दूसरे छोर पर एक बल्लेबाज (जडेजा) था। आम तौर पर जब मैं क्रीज पर आता हूं तो सामने पुछल्ले बल्लेबाज होते हैं। यदि मैं पुछल्ले बल्लेबाजों के साथ हूं तो अलग तरह से बल्लेबाजी करनी पड़ती है और मुझे रन बनाने होते हैं, लेकिन एक बल्लेबाज के साथ खेलने पर बात अलग होती है, जो आज (शुक्रवार को) आपने देखी।
इस पारी के जरिए पंत ने व्यक्तिगत तौर पर कई रिकॉर्ड्स अपने नाम किए और उन्होंने रवींद्र जडेजा के साथ मिलकर एक 35 वर्ष पुराने रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया।
भारतीय टीम ने पहली पारी में सात विकेट पर 622 रन बनाए और पारी की घोषणा कर दी। इस स्कोर तक पहुंचने में पुजारा और रिषभ पंत का अहम योगदान रहा, लेकिन पंत ने सातवें विकेट के लिए जडेजा के साथ जो साझेदारी की थी वो बेजोड़ थी। चौथे टेस्ट मैच के दूसरे दिन इन दोनों खिलाड़ियों ने पहली पारी में सातवें विकेट के लिए 204 रनों की दोहरी शतकीय साझेदारी की। इस साझेदारी के दम पर भारत और मजबूत स्थिति में तो आया ही साथ ही साथ इन दोनों ने इस साझेदारी के बाद ऑस्ट्रेलिया में बने एक 35 वर्ष पुराने रिकॉर्ड को तोड़ दिया। ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट क्रिकेट में सातवें विकेट के लिए ये अब तक की सबसे बड़ी साझेदारी थी।
पंत व जडेजा से पहले वर्ष 1983 यानी 35 वर्ष पहले ग्रेग मैथ्यूज और ग्राहम यालोप ने ऑस्ट्रेलिया के लिए खेलते हुए मेलबर्न में सातवें विकेट के लिए 185 रन की साझेदारी थी। इस दोनों की साझेदारी को अब जाकर भारतीय बल्लेबाजों ने तोड़ा और एक नया रिकॉर्ड कायम किया। पंत व जडेजा की इस साझेदारी को स्पिनर नाथन लियोन ने तोड़ा। उन्होंने जडेजा को क्लीन बोल्ड कर दिया जिन्होंने 114 गेंदों का सामना करते हुए 81 रन बनाए थे। जडेजा ने अपनी पारी में सात चौके और एक छक्का लगाया।