
रिपोर्ट-इशिका सिंह
अजमेर में तेज बारिश के साथ भरे पानी में बहने लगी कार।अरब सागर से आए चक्रवाती तूफान बिपरजॉय ने जून में हुई बारिश का 105 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया। इस सीजन में 50 से ज्यादा बांध मानसून से पहले ही छलक गए। 4 जिलों में बाढ़ आ गई। इसमें फंसे सैकड़ों लोगों को प्रशासन ने रेस्क्यू कर बचाया, जबकि 7 लोगों की जान चली गई। कोटा-भरतपुर संभाग के जिलों में आज बारिश होने के बाद ये सिस्टम राजस्थान से दूर चला जाएगा। इसके बाद 21 जून से राज्य में गर्मी फिर से बढ़ने लगेगी।इस चक्रवात का सबसे ज्यादा असर जालोर जिले में रहा, जहां लगातार 48 घंटे तक रूक-रूक कर हुई बरसात ने भीषण तबाही मचाई। इसके बाद दूसरा सबसे ज्यादा असर बाड़मेर के ग्रामीण इलाकों में रहा। यहां चौहटन, धनाऊ, सेंडवा, बालोतरा समेत कई जगह भारी बारिश से बाढ़ आ गई।
(फाइल फोटो)
इसके अलावा सिरोही, राजसमंद, पाली में भी भारी बरसात ने प्रशासन और आमजन की मुश्किलें बढ़ा दी। इस दौरान पाली, जालोर में 7 लोगों की मौत हो गई। सोमवार को भी अजमेर, टोंक, बूंदी में भी कई जगह 3 से लेकर 7 इंच तक बरसात हुई।राजस्थान में आज भी बिपरजॉय का असर पूर्वी राजस्थान के जिलों में देखने को मिलेगा। कोटा, सवाई माधोपुर और बारां जिलों में भारी बारिश की आशंका जताते हुए मौसम केन्द्र ने यहां के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। जबकि बूंदी और झालावाड़ जिले में इस सिस्टम के असर से हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश होने के साथ तेज हवाएं चलने की संभावना जताते हुए यहां के लिए येलो अलर्ट जारी किया है।
(फाइल फोटो)
मानूसन की करीब 24 फीसदी बरसात
इस चक्रवात से पिछले 4 दिन (16 से 19 जून) तक राज्य औसतन 100MM बरसात हो गई, जो एक मानसून सीजन में होने वाली औसत बरसात का करीब 24 फीसदी के बराबर है। राजस्थान में मानसून सीजन (जून से सितम्बर तक) औसतन 415MM बरसात होती है। जबकि शुरूआती महीने जून में औसतन 50MM बरसात होती है। इस बार समय से पहले दक्षिण-पश्चिम और दक्षिण-पूर्वी राजस्थान में हुई अच्छी बरसात ने किसानों को खरीफ की बुवाई के लिए अनुकूल स्थिति बना दी।
अजमेर में सोमवार को दिनभर रुक-रुककर बारिश होती रही। इससे लोग सड़कों पर तैरने लगे।
अजमेर में सोमवार को दिनभर रुक-रुककर बारिश होती रही। इससे लोग सड़कों पर तैरने लगे।
अजमेर में 105 साल की बारिश का रिकॉर्ड टूटा
चक्रवात से अजमेर में बारिश का 105 साल पुराना रिकॉर्ड टूट गया। यहां 17 जून 1917 में 119.4MM बरसात एक ही दिन में हुई थी, जो अब तक जून में सर्वाधिक बारिश होने का रिकॉर्ड था, जो कल टूट गया। अजमेर में कल (18 जून की सुबह 8:30 से 19 जून 8:30) 24 घंटे के दौरान 131.8MM बरसात दर्ज हुई। अजमेर में बारिश का दौर यहीं नहीं थमा कल भी सुबह 8:30 बजे से लेकर शाम 6 बजे 100MM बरसात दर्ज हुई है। इसी तरह से जोधपुर में भी 12 साल का रिकॉर्ड टूटा है। यहां 17 जून को 91.3MM बरसात हुई, जबकि इससे पहले 28 जून 2016 में करीब 74MM बरसात हुई थी।
पाली में हुई बारिश के बाद जून में ही भील बेरी झरना चलने लगा।
पाली में हुई बारिश के बाद जून में ही भील बेरी झरना चलने लगा।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बिपरजॉय तूफान से हुई बारिश वाले इलाकों का आज से दौर करेंगे। सीएम गहलोत मंगलवार को सुबह जयपुर से बाड़मेर उतरलाई एयरफोर्स पटि्टका पर पहुंचेगे। वहां से हेलिकॉप्टर से चौहटन, सांचौर, आबूरोड़, जालोर इलाको हवाई सर्वे करेंगे। वहीं, चौहटन इलाके के लोगों से मुलाकात कर वहां के हालातों का फीडबैक लेंगे। सीएम ने कोटा, झालावाड़, बूंदी के दौरे को स्थगित कर दिया है।
फोटोज में देखिए बिपरजॉय से बिगड़े हालात…
(फाइल फोटो)
अजमेर में तेज बारिश के कारण सोमवार को घर के अंदर भी पानी भर गया।
अजमेर के झूला मोहल्ला स्थित जर्जर बिल्डिंग का आगे वाला हिस्सा गिर गिया। हादसे से पहले 4 परिवारों को बिल्डिंग से बाहर निकला गया।
अजमेर दरगाह बाजार में देर रातत हालात बिगड़ गए। लोगों को दुकानों के सामानों व वाहनों को बचाने के लिए मशक्कत करनी पड़ी।
सिरोही के आबूरोड में गुजरात रोडवेज की बस अंडरपास में भरे पानी में फंस गई।
बूंदी जिले के नैनवां क्षेत्र के बंबूली गांव में बारिश के बाद थ्रेशर मशीन को जोड़कर ट्रैक्टर से पानी निकालते ग्रामीण।
अजमेर में तेज बारिश के कारण आनासागर तालाब के किनारे पानी भर गया।
अजमेर में तेज बारिश के दौरान झूला मोहल्ला स्थित जर्जर बिल्डिंग का आगे वाला हिस्सा गिर गया। बिल्डिंग गिरने से पहले 4 परिवारों के लोग बिल्डिंग से बाहर निकल गए थे। सूचना मिलते ही सिविल डिफेंस और पुलिस मौके पर पहुंची।
सिरोही के 15 में से 7 बांध ओवरफ्लो हो गए। जिले के टोकरा, भूला, बूटरी, बगेरी, वासा, रेवदर तहसील मंडार नाला, पिंडवाड़ा तहसील का रूप सागर, गिरवर वाल ओरिया चिनार महादेव नाला और पिंडवाड़ा का गंगाजली बांध ओवरफ्लो चल रहे हैं।
रेलवे ने सोमवार को जोधपुर से होकर जालोर के रास्ते जाने वाली 11 ट्रेनों का संचालन 19 जून तक रद्द कर दिया है। तीन ट्रेनों को मारवाड़ जंक्शन, पालनपुर होकर चलाया जा रहा है। वहीं उदयपुर-अजमेर के रूट पर चलने वाली 10 से ज्यादा गाड़ियां आधा से 2 घंटे तक की देरी से चलीं।
सिरोही में बिपरजॉय के कारण हो रही बारिश से जिला अस्पताल में बच्चों के वार्ड की फॉलो सीलिंग गिर गई।
पाली के सांडेराव में बरसाती पानी में डूबने से 125 भेड़-बकरियों की मौत हो गई।
पाली जिले के देसूरी नाल में सड़क पर पड़े चट्टानें पड़ीं रहीं। इससे यातायात बाधित रहा।
चौहटन कस्बे की नाडी चिपल का सोमवार को ड्रोन से लिया गया फोटो। ये पानी से भरा दिखा।
राजस्थान के दो बड़े बांध में आया पानी
बांध पहले पानी की स्थिति बारिश के बाद स्थिति
बीसलपुर बांध 312.78 आरएल मीटर 313.04 आरएल मीटर
जवाई बांध 8.76 आरएल मीटर 9.19 आरएल मीटर
सरदार समंद 2.62 आरएल मीटर 2.71 आरएल मीटर
20 से ज्यादा चक्रवात पिछले 12 साल में आए, लेकिन सबसे प्रभावशाली बिपरजॉय
बिपरजॉय को अरब सागर से आए अब तक के तूफानों में सबसे ज्यादा प्रभावशाली माना जा रहा है। ये लगातार 13 दिन एक्टिव रहा। इससे सबसे ज्यादा बारिश हुई। मौसम केन्द्र नई दिल्ली की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2011 से 2023 तक अरब सागर में 20 से ज्यादा चक्रवात आए हैं। इसमें सबसे ज्यादा प्रभावशाली और सबसे ज्यादा समय तक एक्टिव रहने वाला चक्रवात बिपरजॉय है।6 जून को ये चक्रवात डिप्रेशन के रूप में अरब सागर में शुरू हुआ था, जो बाद में डीप डिप्रेशन, साइक्लोन स्टॉर्म, सीवियर साइक्लोन स्टॉर्म, वैरी सीवियर साइक्लोन स्टॉर्म, एक्ट्रीमली सीवियर साइक्लोन स्टॉर्म में कन्वर्ट हुआ। इससे पहले अक्टूबर 2018 में आया चक्रवात “लुबान’ 10 दिन और अक्टूबर-नवंबर 2019 में आया चक्रवात “क्यार’ 10 दिन तक एक्टिव रहा था।
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अरब सागर से उठा चक्रवात ‘बिपरजॉय’ गुजरात के बाद राजस्थान में कहर बरपा रहा है। इसके असर से राज्य के कई इलाकों में 40 घंटे से बारिश जारी है, जिससे बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। बाड़मेर, सिरोही, बांसवाड़ा, उदयपुर, राजसमंद, पाली, अजमेर, कोटा सहित कई जिलों में तेज बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। इन जिलों के कुछ इलाकों में अब तक 10 से लेकर 13 इंच (एक फुट) तक बरसात हो चुकी है।
राजस्थान में बांध-नहर टूटे, रेलवे ट्रैक बहा:बिपरजॉय ने बरपाया कहर; रातोंरात खाली कराया शहर, 3 जिलों में बाढ़, खतरा बरकरार।
अरब सागर से उठा चक्रवात बिपरजॉय गुजरात के बाद राजस्थान में कहर बरपा रहा है। इसके असर से राज्य के कई इलाकों में पिछले 36 घंटों से भारी बारिश जारी है, जिससे बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। बाड़मेर, सिरोही, बांसवाड़ा, उदयपुर, राजसमंद, पाली, अजमेर, कोटा सहित कई जिलों में तेज बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। इन जिलों के कुछ इलाकों में अब तक 10 से लेकर 13 इंच (एक फुट) तक बरसात हो चुकी है।
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सांचौर, राजस्थान का वो इलाका है, जहां अरब सागर से उठे तूफान ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई। करीब 36 घंटे तक लगातार इतनी बारिश हुई कि देखते ही देखते पूरा शहर डूब गया। नर्मदा लिफ्ट कैनाल की पाल और सुरावा बांध टूटने से सांचौर के 25 गांव उस पानी में समा गए।