
राजस्थान ऊर्जा मंत्री का विवादित बयान- पहले बच्चों को लगानी चाहिए थी वैक्सीन, बुजुर्ग तो बोनस में जी रहे हैं
राजस्थान के ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला ने कोरोना वायरस के खिलाफ जारी केंद्र के टीकाकरण अभियान पर सवाल उठाते सहित हनुमानगढ़ में मीडिया से बात करते हुए एक बेतुका बयान दे दिया है जिसको लेकर बीजेपी अब हमलावर हो गया है. उन्होंने कहा कि टीके की सबसे अधिक जरूरत बुजुर्गों से अधिक बच्चों को होती है. मंत्री जी यहीं नहीं रूके उन्होंने कहा कि बुजुर्ग तो बोनस में जी रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी ने कल्ला के बयान को लेकर गहलोत सरकार पर निशाना साधा है.
टीकाकरण नीति पर सवालिया निशान लगाते हुए कल्ला ने कहा, टीका सबसे पहले बच्चों को लगाया जाता है. बच्चे अभी बचे हुए हैं. इन्होंने सबसे पहले बूढ़ों को टीका लगवाया. बूढ़े लोग कह रहे हैं कि मैं तो 80-85 साल का हो गया हूं, पूरी जिंदंगी जी ली है मेरे पोते को लगवाओ, मेरी बेटी को लगवाओ उसकी जिंदगी बचाना ज्यादा जरूरी है, मैं तो मर जाऊंगा तो कोई बात नहीं है. कम से कम मेरी भावी पीढ़ी को तो बचाओ. टीकाकरण की नीति बहुत गलत है, सबसे पहले बच्चों को लगना चाहिए था.
भाजपा ने कल्ला के बयान को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला है. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने ट्वीट करते हुए लिखा, श्रीमान बीडी कल्ला जी के टीकाकरण की नीति पर नये विचार सुनिये! वैक्सीन की खरीद से लेकर बर्बादी तक, लोगो के जीवन के साथ खिलवाड़ करने वाली हर तरह की राजनीति करने के बाद अब इनका अगला कदम बच्चे, बूढ़े और जवान में किसको लगनी चाहिए और किसको नहीं पर टिक गया है.