लखनऊ से वरिष्ठ संवाददाता इमरान सिद्दीकी की रिपोर्ट
इसे 40 एकड़ में बनाया जाएगा। आईटी एंड इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग ने इसके लिए जमीन खरीद ली है।
लखनऊ को आईटी हब के रूप में विकसित करने की तैयारी है। लंबे समय बाद आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग को 40 एकड़ जमीन मिल पाई है। एक अक्टूबर 2020 को अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में इसे अंतिम रूप दिया गया। शासन ने यहां जमीन का विकास इस तरह करने को कहा है ताकि निवेशकों को कम कीमत में प्लाट मिल सके। छोटी आईटी व आईटीइएस कंपनियों को भी अवसर मिल सके। ई गवर्नेंस के लिए यहां सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना भी होगी।
2.50 लाख वर्ग फुट में बनेगा देश का सबसे बड़ा इनक्यूबेटर्स
सरकार आईटी पार्क में 2.50 लाख वर्ग फुट क्षेत्र में देश का सबसे बड़ा इनक्यूबेटर्स निर्मित करेगी। इसमें प्रोडक्ट व सर्विस से संबंधित स्टार्टअप कंपनियों को जगह मिलेगी। अभी देश में सबसे बड़ा इनक्यूबेटर्स हैदराबाद में है। इनक्यूबेटर्स में स्टार्टअप कंपनियों को 300 से 400 वर्ग फुट जमीन दी जाएगी।
100 कंपनियों के लिए करीब 30 हजार वर्ग फीट जमीन आरक्षित होगी। इनक्यूबेटर में विकसित उत्पादों की ब्रांडिंग मेक इन इंडिया नाम से की जाएगी। रेगुलेटरी तथा क्वालिटी सर्टिफिकेशन की सुविधाएं भी पार्क में ही मिलेंगी। इनक्यूबेशन सेंटर में स्थापित कंपनियों को परिसर में ही कच्चा माल भी मिलेगा।
सरकारी विभागों के लिए बनेगा आईटी भवन
आईटी पार्क में आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के निगमों, यूपी डेस्को, यूपीएलसी, अपट्रान पावरट्रानिक्स तथा श्री ट्रान इंडिया को भी जगह मिलेगी। इन्हें आईटी भवन में ही जगह मिलेगी।
कन्वेंशन सेंटर व अतिथि गृह भी बनेंगे
प्रस्तावित आईटी पार्क में कन्वेंशन सेंटर तथा अतिथि गृह भी बनेगा। इसके अलावा भी तमाम अत्याधुनिक सुविधाएं भी रहेंगी। हरियाली के साथ पार्क भी होगा। पार्किंग के भी बेहतर इंतजाम होंगे।
डेवलपमेंट कंसल्टेंट नियुक्त करने का निर्देश
अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार ने आईटी पार्क का काम शीघ्र शुरू कराने को कहा है। इसके लिए प्रोजेक्ट डेवलपमेंट कंसलटेंट नियुक्त करने का निर्देश दिया है। कंसल्टेंट योजना का अध्ययन कर विकासकर्ता कंपनी के चयन में मदद करेगा। उन्होंने कंसलटेंट के चयन के लिए आरएफपी आमंत्रित करने की कार्रवाई भी अतिशीघ्र शुरू करने को कहा है।
