
ब्यूरो चीफ़ आरिफ़ मोहम्मद कानपुर
कानपुर, केंद्र व प्रदेश सरकार लगातार बेहतर चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाओ के लिए नई नई योजनाएं इजात कर उनको जनता तक पहुंचाने का प्रयास कर रही है जिसके लिए ग्राम पंचायत, ब्लाक, जिले स्तर पर केंद्रों को संचालित कर स्वस्थ अधिकारियों की तैनाती के जरिए ग्रामीण परिवेश में योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ पहुंचाना ही सरकार की पहली प्राथमिकता में है। आपको बताते चले कि कानपुर मेडिकल कालेज चिकित्सा के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान से जाना जाता है। यहां पर विशेषज्ञ डॉक्टरों का पैनल गंभीर रोगों पर रिसर्च भी करता रहता है, और साथ ही साथ आज भी मेडिकल कालेज के विशेषज्ञ डॉक्टर हैलाट अस्पताल में 1 रुपए के पर्चे पर, कानपुर से सटे कई जिलों से गंभीर रोगियों का उपचार भी किया जा रहा है।
*मेडिकल कॉलेज कानपुर में अब डिजिटल लैब की शुरुआत*
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में डिजिटल पैथोलॉजी के जरिए अब मरीजों के लिए गए सैंपल से जांच में कुछ भी समझने में कठिनाई नहीं होगी और दूर दराज में बैठे विशेषज्ञ डॉक्टर अपने सीनियर से मशवरा अब आसानी से कर सकेंगे, मरीज़ में लक्षणों के बारे में जानकारी लेने की जरूरत होगी तो सीधे रोगी को भी ऑनलाइन जोड़कर उससे बातचीत की जा सकेगी अब रोगी को जांच के लिए पैथोलॉजी तक नहीं लाना पड़ेगा ऑनलाइन के जरिए सब एक दूसरे से कनेक्ट हो जाएंगे।
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर संजय काला ने बताया कि यह सब कुछ होना डिजिटल पैथोलॉजी से ही संभव है जीएसवीएम में डिजिटल पैथोलॉजी की शुरुआत हो गई है इसे अब ई हॉस्पिटल सिस्टम से जोड़ा जाएगा डिजिटल पैथोलॉजी के आधुनिक उपकरणों को मंगाया जा रहा है उनका कहना है कि डिजिटल पैथोलॉजी से जांच करना आसान हो जाएगा वह बताते हैं कि कभी-कभी दो विशेषज्ञों की जांचों में फर्क आ जाता है इससे मरीज़ को परेशानी झेलनी पड़ती है और डॉक्टर को डायग्नोसिस (Medical Riport) तैयार करने में दिक्कत होती है रोग स्पष्ट नहीं हो पाते और रोगी दूसरे स्थान पर जांच कराकर विशेषज्ञ की राय लेता है अब डिजिटल पैथोलॉजी में यह दिक्कतें नहीं होगी अगर भ्रम की स्थिति होगी तो तुरंत दूसरे विशेषज्ञ से राय लेकर फाइनल डायग्नोसिस तैयार कर ली जाएगी और उन्होंने यह भी बताया कि पैथोलॉजी में कई अत्याधुनिक उपकरण आ गए हैं इसके अलावा अन्य उपकरण और भी मंगाए जा रहे हैं इससे रोगियों को जांच कराने के लिए लखनऊ, दिल्ली और मुंबई नहीं जाना पड़ेगा हॉस्पिटल से जुड़ने के बाद रोगी को उसके मोबाइल नंबर पर ऑनलाइन रिपोर्ट भी आसानी से मिल सकेगी।