
(ब्यूरो रिपोर्ट समाचार भारती)
मथुरा. मथुरा में भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि पर रंगभरनी एकादशी के दिन होली का अद्भुत उत्सव मनाया गया। श्रीकृष्ण जन्मस्थान रंगों में सराबोर हो गया और आसमान में उड़ते गुलाल ने वातावरण को होली के रंग में रंग दिया। हुरियारिनों की लाठियों की तड़तड़ाहट और हुरियारों के रंगों की बौछार ने जन्मस्थान परिसर में होली का अद्भुत दृश्य पेश किया। कान्हा के भक्त इस अद्भुत दृश्य को देखकर आनंदित हो गए। श्रीकृष्ण-जन्मभूमि की प्रसिद्ध लठामार होली का आयोजन भव्यता के साथ किया गया। जन्मस्थान परिसर स्थित केशव वाटिका के लीला मंच पर आयोजित फाग महोत्सव में लोकगीत, भजन, रसिया, छंद आदि की प्रस्तुतियों ने उपस्थित जनसमुदाय का मन मोह लिया।
केशव वाटिका में प्रिया-प्रियतम की अलौकिक लीला के दर्शन कर उपस्थित श्रद्धालुजन अभिभूत होकर झूम उठे। श्रद्धालुओं के साथ हर्बल गुलाल और फूलों से होली खेली गई और सारा वातावरण अबीर गुलाल से कृष्णमय हो गया। ब्रजवासियों के साथ फूल और गुलाल से होली खेली और सभी को होली की शुभकामनाएं दी गईं। यह उत्सव भगवान श्रीकृष्ण के प्रति भक्ति और प्रेम का प्रतीक है।
यहां कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं:
- लठामार होली एक अनोखी परंपरा है जिसमें महिलाएं पुरुषों पर लाठियों से प्रहार करती हैं और पुरुष रंगों से बचाव करते हैं।
- हर्बल गुलाल और फूलों का उपयोग पर्यावरण को स्वच्छ रखने में मदद करता है।
- ब्रजवासियों के साथ होली खेलना भगवान श्रीकृष्ण के प्रति प्रेम और भक्ति का प्रतीक है।
यह उत्सव दुनिया भर के लोगों को आकर्षित करता है और उन्हें भारतीय संस्कृति और परंपराओं का अनुभव करने का अवसर प्रदान करता है।