
लखनऊ से वरिष्ठ संवाददाता अभिनव शर्मा की रिपोर्ट:
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजेश सिंह चौहान ने हुसैनगंज स्थित ओसीआर बिल्डिंग में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए। कहा कि देश में भारत सरकार द्वारा लागू तीनों कृषि व कानून को वापस लेने एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून बनाए जाने को लेकर देश की राजधानी दिल्ली बॉर्डर पर किसान आंदोलन जारी है। साथ ही भारत के तमाम राज्यों के सभी हिस्सों में अलग-अलग तरीके से किसान आंदोलन कर रहे हैं। उत्तर भारत के अधिकतर किसान दिल्ली मे जमे हुए हैं।
अभी तक इस किसान आंदोलन में कई किसानों की जान जा चुकी है। सरकार से कई बार वार्ता के बाद भी समाधान नहीं निकाला है। सरकार कृषि को समाप्त करने वाले और कॉर्पोरेट को बढ़ावा देने में लगी है। इनमें जो बदलाव किए जा रहे हैं,अगर एमएसपी कानून नहीं बनता है। तो यह बदलाव किसानों के लिए फांसी का फंदा साबित होगा। इसलिए इस कानून के विरोध में लंबे समय तक आंदोलन चलाया जा रहा है। देश के सभी किसान संगठन 18 जनवरी को महिला किसान दिवस और 23 जनवरी को देश के सभी राज भवनों का घेराव करेंगे। 26 जनवरी को सभी किसानों को दिल्ली में इकट्ठा होने की अपील करी।
इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजेश सिंह चौहान, युवा प्रदेश अध्यक्ष दिगंबर सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष हरिराम वर्मा व और प्रदेश प्रवक्ता आलोक वर्मा सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।