
ब्यूरो रिपोर्ट (समाचार भारती)
नई दिल्ली. पिग बुचरिंग स्कैम ऑनलाइन धोखाधड़ी का एक नया तरीका है जो धीरे-धीरे लोगों को चूना लगाता है। यह नाम वध से पहले सूअर को मोटा करने की प्रथा की ओर संकेत करता है। इसी तरह स्कैमर भी लोगों को चूना लगाने से पहले उन्हें मुनाफा दिलाते हैं। फिर जब लोग लालच में बड़ा दांव चलते हैं तो उन्हें ठग लिया जाता है।
यह कैसे काम करता है:
- संपर्क: स्कैमर सोशल मीडिया, डेटिंग ऐप्स या भ्रामक मैसेज के माध्यम से लोगों से संपर्क करते हैं।
- दोस्ती: वे दोस्त बनने की कोशिश करते हैं और उन्हें क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग में रुचि लेने के लिए मनाते हैं।
- भरोसा: वे धोखाधड़ी वाले ट्रेडिंग ऐप का उपयोग करके पीड़ित को यह विश्वास दिलाते हैं कि वे ट्रेड्स से मुनाफा कमा रहे हैं।
- निवेश: जैसे-जैसे लोगों का उन पर भरोसा बढ़ता है, वे उन्हें और अधिक पैसा निवेश करने के लिए राजी करते हैं।
- धोखाधड़ी: जब पीड़ित अपनी धनराशि निकालने का प्रयास करते हैं, तो फर्जी प्लेटफॉर्म बहाने बनाता है या पर्याप्त फीस लगाता है, जिससे अंततः स्कैम उजागर हो जाता है।
बचाव के तरीके:
- अनजान लोगों के मैसेज का जवाब न दें।
- नया एप या लिंक न खोलें।
- किसी भी काम को जल्दबाजी में न करें।
- अपनी निजी जानकारी शेयर न करें।
- यदि आपको कोई शक हो तो पुलिस से संपर्क करें।
अतिरिक्त जानकारी:
- क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करते समय सावधानी बरतें।
- किसी भी प्लेटफॉर्म में निवेश करने से पहले उसका अच्छी तरह से अध्ययन करें।
- केवल विश्वसनीय प्लेटफॉर्म का उपयोग करें।
- अपनी निवेश की जानकारी किसी के साथ शेयर न करें।
यह भी ध्यान रखें:
- यदि आपको लगता है कि आप पिग बुचरिंग स्कैम का शिकार हुए हैं, तो तुरंत पुलिस से संपर्क करें।
- आप साइबर क्राइम हेल्पलाइन 155260 पर भी कॉल कर सकते हैं।