
रिपोर्ट-इशिका सिंह
मद्रास हाई कोर्ट ने कहा कि एक हाउसवाइफ भी अपने पति की कमाई से खरीदी गई संपत्ति में बराबर हिस्सेदारी की हकदार है। कोर्ट ने कहा कि भले ही हाउसवाइफ के योगदान को मान्यता देने के लिए कोई कानून नहीं है लेकिन कोर्ट इसे पहचान सकती है।
(फाइल फोटो)
मद्रास हाई कोर्ट ने माना है कि एक हाउसवाइफ (गृहिणी) अपने पति की संपत्ति के आधे हिस्से की हकदार है। न्यायमूर्ति कृष्णन रामास्वामी की एकल-न्यायाधीश पीठ ने कहा कि एक गृहिणी अपनी दिनचर्या से बिना किसी छुट्टी के चौबीसों घंटे घर चलाने का काम करती है। न्यायाधीश ने कहा कि घर की देखभाल करने वाली महिला परिवार के सदस्यों को बुनियादी चिकित्सा सहायता प्रदान करके घरेलू डॉक्टर का काम भी करती है। उन्होंने आगे कहा कि एक महिला अपने पति की अपनी कमाई से खरीदी गई संपत्तियों में बराबर हिस्सेदारी की हकदार होगी।कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा, ‘पत्नियां जो दशकों से घर संभाल रही हैं और परिवार की देखभाल कर रही हैं उन्हें संपत्ति में हिस्सेदारी का हक है। शादी के बाद वह कई बार पति और बच्चों की देखभाल के लिए अपनी नौकरी तक छोड़ देती हैं। यह अनुचित है जिसके परिणामस्वरूप आखिर में उनके पास अपना कहने के लिए कुछ भी नहीं होता।’