तूफान टला, जाम का बवंडर जारी:उदयपुर-अहमदाबाद हाईवे पर लगातार तीसरे दिन जाम, रोजाना 50 हजार परेशान!

By | June 21, 2023

रिपोर्ट-इशिका सिंह

अहमदाबाद हाईवे पर जमा कीचड़ पहियों के साथ चिपककर शहर तक आता है, फिर इस तरह धूल के गुबार भी बन रहे। बिपरजाॅय तूफान तीन दिन बाद सोमवार को लगभग विदा हो गया, लेकिन उदयपुर-अहमदाबाद मार्ग पर तीन दिन पहले शुरू हुआ जाम अब बवंडर बन गया है। लोग हलकान आ गए हैं। एक किमी तक चलने में 20-20 मिनट तक लग रहे हैं।

(फाइल फोटो)

 रिपाेर्टर और फाेटाे जर्नलिस्ट ने साेमवार सुबह 11:30 बजे से शाम 4 बजे तक दाेपहिया वाहन पर करीब 56 किलाेमीटर तय कर जाम के कारण और इससे मुक्ति के उपाय तलाशे। पड़ताल में पता चला कि प्रशासनिक अनदेखी, हाईवे निर्माण एजेंसियों की काम की धीमी रफ्तार और छोटी-छोटी लापरवाहियों के कारण शहर की 32 किमी की परिधि में जाम के हालात बने हुए हैं।

(फाइल फोटो)

वाहन चालकाें के अन्य मार्गाें से निकलने और रूट डायवर्ट के कारण चित्तौड़गढ़ नेशनल हाईवे पर घाटा वाली माता मंदिर से लेकर सवीना-तीतरड़ी तक, सवीना से बलीचा तक, आईआईएम मार्ग (अमरगढ़ होटल) से काया तक, देबारी से प्रताप नगर-गीतांजलि-तीतरड़ी तक जाम लग रहा है।चित्ताैड़ मार्ग पर जाम लगने से प्रताप नगर से एयरपोर्ट पहुंचने में शाम 4 से 7 बजे के बीच 3 घंटे, सुबह 10 से दाेपहर 3 बजे के बीच 2 घंटे तक का समय लग रहा है। इन रास्तों से रोज औसत 10 हजार भारी वाहन और इतने ही अन्य वाहनों से करीब 40 हजार लोग गुजरते हैं। यानी कुल मिलाकर 50 हजार लोग रोज समस्या से रूबरू हो रहे हैं।आएदिन जाम की स्थिति बनी रहने से अहमदाबाद और मध्यप्रदेश से आने-जाने वाले लोग परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बिपरजॉय तूफान से जितने नुकसान और परेशानी की आशंका थी, उससे कहीं कम नुकसान हुआ और मौसम भी सुहाना हो गया, ऐसे में पर्यटक भी उदयपुर का रुख कर रहे हैं। जाम के कारण वे भी परेशान हैं।

(फाइल फोटो)

एक जाम से बचने को दूसरे रास्ते पर जा रहे, वहां भी जाम

सवीना : सवीना में पुलिसकर्मी तैनात थे, जो भारी वाहनों व अन्य वाहनों को केवड़े की नाल मार्ग के लिए डायवर्ट कर रहे थे, ताकि ये वाहन केवड़े की नाल से होकर बांसवाड़ा होकर इंदौर मार्ग की तरफ आगे जाते रहें। इस मार्ग पर भी वाहन रेंग-रेंग कर चल रहे थे।
सवीना से बलीचा : यहां एकतरफा जाम लगा हुआ था और दूसरी तरफ सड़क आवागमन बंद कर रखा था। यहां एक तरफा जाम में फंसे भारी वाहन व अन्य वाहन रेंग-रेंगकर चल रहे थे। स्पीड इतनी थी कि 1 किमी का फासला तय करने में 20 मिनट का समय लग रहा था।
बलीचा तिराहा से बलीचा पंचायत : यह हाईवे खुला था, जहां वाहन सरपट दौड़ रहे थे, लेकिन बलीचा पंचायत से जाम शुरू हो गया। पंचायत से आईआईएम मार्ग तक भारी जाम लगा रहा। आईआईएम से आगे काया तक जाम की भारी विकट स्थिति रही।
देबारी-काया मार्ग : यहां निर्माणाधीन नए हाईवे पर जाम की स्थिति थी। वाहनों में लोग परेशान होकर बैठे हुए थे।
प्रतापनगर पुलिया से एयरपाेर्ट मार्ग : घाटा वाली माताजी मंदिर से सवीना होकर तीतरड़ी तक भारी वाहनों का लंबा जाम लगा रहा। जगह-जगह तैनात पुलिसकर्मी जाम के आगे मूकदर्शक बने रहे।
देबारी से प्रताप नगर,प्रताप नगर से गीतांजलि और गीतांजलि से तीतरड़ी : यहां एक तरफा जाम लगा रहा। सोमवार सुबह इतना लंबा जाम लगा कि कई विद्यार्थी गीतांजलि और सनराइज नर्सिंग कॉलेज जाने के बजाय बीच रास्ते से लौटकर अपने-अपने घर लौट गए।

(फाइल फोटो)

उदयपुर-अहमदाबाद हाईवे पर बलीचा से आईआईएम और यहां से काया तक एकतरफा जाम लगने के 2 बड़े कारण हैं…
आईआईएम मार्ग के मुहाने पर हाईवे पर 150 मीटर सड़क भारी वाहनाें के कारण उखड़ गई है। बारिश ने इस समस्या काे और बढ़ा दिया। गड्ढे और बढ़ने के साथ ही सड़क पर 2 फीट तक कीचड़ जम गया है। इससे यातायात बाधित हुआ।
यहां पर ओवर ब्रिज का निर्माण कार्य है। करीब दाे माह पहले भी इसी के कारण ऐसा ही जाम लगा था। यह अब तक तैयार नहीं हाे पाया है। इसे तैयार होने में अभी दो माह से ज्यादा समय और लगेगा।

कलेक्टर-एसपी पहुंचे, अथॉरिटी का दावा-24 घंटे में खोलेंगे लेन

सोमवार को कलेक्टर ताराचंद मीणा और एसपी भुवन भूषण ने जाम के हालातों का जायजा लिया। दोनों ने विभागीय कार्मिकों की मदद से सड़क पर जमा कीचड़ और अवरोधों को दूर करवाया। कलेक्टर ने जिंक चौराहे से प्रतापनगर होते हुए बलीचा तक लग रहे जाम पर चिंता जताई और एनएचएआई को काम शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। एनएचएआई के अधिकारियों ने बताया कि 24 घंटे में ही सब-लेन सुचारू कर दी जाएगी।

परेशानी

बच्चा बीमार था, पैदल ही चल पड़े
सपना अपने तीन माह के बच्चे को उदयपुर के एमबी अस्पताल ला रही थी। देवर बिट्टू साथ था। बस जाम में फंस गई। आईआईएम मार्ग से 2 किमी दूर वाहन को छोड़कर पैदल चल पड़ी और निर्माणाधीन ब्रिज पार कर बलीचा पहुंची।

हाईवे से लोगों ने हटा फेंकी चट्टानें

देबारी-काया हाईवे पर निर्माणाधीन है। ऐसे में निर्माण एजेंसी ने वाहनों को चलने से रोकने के लिए भारी चट्‌टानें रखी हुई थी। सोमवार को जाम में फंसे लोगों ने इन्हें लुढ़का कर एक तरफ कर दिया। निर्माण एजेंसी के कर्मचारियों ने रोका तो लोगों ने उन्हें भगा दिया। ​​​​​​

जहां से राह मिली, उसी पर चल पड़े

देबारी-काया हाईवे से चट्‌टानें हटाने के बाद लोग वाहन लेकर आगे बढ़े तो दो जगह मार्ग अवरुद्ध मिला। लोग पहाड़ों के बीच से उतारते-चढ़ाते हुए 12 किमी तक धोल की पाटी होते हुए देबारी तक आ पहुंचे।