जिंदगी की जंग हारे IPS सुरेंद्र दास , पांच दिन तक चला जिंदगी और मौत का संघर्ष

By | January 13, 2022

ब्यूरो रिपोर्ट समाचार भारती-लखनऊ:सोमवार आईपीएस सुरेन्द्र दास का किया गया अंतिम संस्कार.. यूपी कैडर के 30 वर्ष के आइपीएस सुरेंद्र दास की आत्महत्या चौंकाने वाली है,इतनी कड़ी ट्रेनिंग लेने वाले शख्स के भी इस तरह टूटकर मौत को गले लगाने से लोग हैरान हैं.. पुलिस और परिवार दोनों ने आत्महत्या के पीछे पत्नी से विवाद को ही प्रमुख वजह करार दिया है.. पिछले डेढ़ महीने से कानपुर में एसपी पूर्वी का पद संभाल रहे सुरेंद्र दास के घर वालों का कहना है कि वे सुसाइड लेटर की एक्सपर्ट से जांच के बाद पत्नी और ससुरालवालों पर केस दर्ज कराएंगे.. फौज में कैप्टन रहे पिता की मौत के बाद भी जो सुरेंद्र दास लक्ष्य से डिगे नहीं और आईपीएस बनकर दिखा दिया, वह सुरेंद्र पत्नी से अनबन के बाद आत्महत्या को गले लगा लेंगे, इसका अंदाजा परिवार तक को भी नहीं था..2014 में आइपीएस बने सुरेंद्र दास पुलिस महकमे में अच्छी छवि के लिए जाने जाते थे.. उनकी मौत से उन्हें जानने-वाले हैरान हैं.. चाहे बलिया के गांव के दोस्तों की बात करें या फिर उनके साथ काम करने वाले पुलिसकर्मियों की,हर कोई सुरेंद्र दास के स्वाभाव से प्रभावित हुए बिना नहीं रह सका.. यह बड़ी बात है कि पिछले कुछ समय से सुरेंद्र दास के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ पढ़ीं जा सकतीं थीं. इन हालातों ने ही शायद उन्हें आत्महत्या की तरफ मोड़ दिया हो.. जहर खाने के बाद पांच दिन तक अस्पताल के बिस्तर पर जिंदगी-मौत के बीच संघर्ष के बाद 10 सितंबर को उन्होंने दम तोड़ दिया..

लिखा बीवी के नाम लैटर
पांच सितंबर को जब सुरेंद्र ने जहर खाया लिया था तो पुलिस ने सात लाइन का सुसाइड नोट बरामद किया.. लाल रंग की स्याही से यह लैटर लिखा गया. जिसमें सुरेंद्र ने पत्नी डॉ. रवीना सिंह को आइ लव यू लिखते हुए कहा कि उनकी मौत के पीछे किसी का हाथ नहीं है. उन्होंने यह भी लिखा था कि रोज-रोज की कलह से तंग आकर वह आत्महत्या का फैसला ले रहे हैं. माना जा रहा है कि बीवी को बेहद प्यार करने के बावजूद सुरेंद्र दास रोज-रोज की किचकिच को सहन नहीं कर पाए. यूं तो पत्नी से आए दिन खटपट होती थी,माना जा रहा कि बात जन्माष्टमी के दिन कुछ ज्यादा ही बढ़ गई थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पत्नी ने नॉनवेज बर्गर मंगाकर उस दिन खा लिया था, जबकि सुरेंद्र ने त्योहार के दिन ऐसा करने से मना किया था. इसे लेकर इस कदर विवाद हुआ कि आईपीएस ने सल्फास की गोलियां निगल लीं.हालांकि सुरेंद्र दास के ससुर डॉ. रवींद्र सिंह इसे सिरे से नकारते हैं.उनके अनुसार ये सब अफवाह है और उनका कहना है की वे इसका खुलासा बाद में करेंगे..

कुछ यूं हुई थी शादी
आइपीएस बनने के बाद सुरेंद्र दास को काबिल जीवनसंगिनी की तलाश थी. वर्ष 2017 में उन्होंने मेट्रोमोनियल साइट्स पर अपना रजिस्ट्रेशन कराया था. भाई नरेंद्र के मुताबिक साइट्स पर एक दूसरे की प्रोफाइल देखने के बाद उनके बीच जान-पहचान हुई थी।अपनी मां के साथ बाद में सुरेंद्र पेशे से चिकित्सक डॉ. रवीना के घर गए थे. लड़की पसंद आने पर कानपुर के सर्वोदय नगर स्थित ईएसआई निदेशालय में मेडिकल ऑफीसर डॉ.रविन्द्र सिंह की बेटी डॉ. रवीना से 9 अप्रैल 2017 को उनकी शादी हो गयी थी..

भाई का आरोप-पत्नी लड़ाई झगड़ा कर परिवार से करती थी दूर
आइपीएस सुरेंद्र दास के बड़े भाई नरेंद्र के मुताबिक शादी के बाद से ही सुरेंद्र परेशानी महसूस करने लगे. उनका अचानक घर पर आना-जाना कम हो गया. भाई के मुताबिक पत्नी उन्हें घरवालों से संबंध रखने से रोकतीं थीं. बड़े भाई का आरोप है कि शादी के बाद से पत्नी लखनऊ स्थित घर पर रहने की जगह गोमतीनगर में अपने पिता के घर चली जातीं थीं. शादी के दो महीने बाद ही पति-पत्नी में अनबन होने लगी थी. मां इंदू के अनुसार बेटे से बात किए हुए उन्हें 40 दिन हो गए थे. तीन अगस्त को कानपुर में एसपी पूर्वी बनने के बाद से सिर्फ एक दिन बेटे से बात हुई थी. मां का कहना है कि बचपन से मेधावी रहे सुरेंद्र दास की इच्छा इंजीनियरिंग करने की थी तो उन्हें इलेक्ट्रि्कल से इंजीनियरिंग कराया. मगर मौत के साथ सारी आकांक्षाएं टूटकर चकनाचूर हो गईं. उधर एसपी पूर्वी आवास पर तैनात कर्मियों ने पूछताछ के दौरान बताया कि कई बार जब घर में साहब का पत्नी से झगड़ा होता था तो सभी स्टाफ को घर से बाहर कर दिया जाता था.

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