
रिपोर्ट-इशिका सिंह
अहमदाबाद : मंगला आरती के लिए अमित शाह पूरे परिवार के साथ जमालपुर स्थित भगवान जगन्नाथ के मंदिर पहुंचे थे।
आज देशभर में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकलेगी। ओडिशा के पुरी में होने वाली रथयात्रा के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी रथयात्रा अहमदाबाद के जमालपुर में होती है। मंगलवार सुबह गृहमंत्री अमित शाह ने जमालपुर जगन्नाथ मंदिर में मंगला आरती की।सुबह 4.30 बजे भगवान को खिचड़ा हुआ। 6.30 बजे भगवान की तीनों मूर्तियों को रथ में विराजमान किया गया। 7 बजे मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल पहिंदा विधि कर रथ यात्रा की शुरुआत करेंगे।
(फाइल फोटो)
वहीं, ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ, बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ तकरीबन ढाई से तीन किमी दूर गुंडिचा मंदिर जाएंगे। जो कि उनकी मौसी का घर माना जाता है। इस रथयात्रा में तकरीबन 25 लाख लोगों के आने की संभावना है। इसे गुंडिचा यात्रा भी कहते हैं।
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पुरी में सोमवार को जगन्नाथ मंदिर के बाहर तीनों रथों की सजावट को अंतिम रूप दिया गया।
पुरी में सोमवार को जगन्नाथ मंदिर के बाहर तीनों रथों की सजावट को अंतिम रूप दिया गया।
रथयात्रा शुरू होने का समय तय नहीं होता है, लेकिन सुबह से ही पूजा और रथयात्रा के लिए जरूरी विधान शुरू हो जाते हैं। इसके चलते सुबह 4 बजे भगवान को जगाया गया। श्रंगार के बाद आरती और खिचड़ी भोग लगाया।
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मंदिर के बाहर तीनों रथों की पूजा की जा रही है। अब मंदिर से भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की मूर्ति से एक-एक माला उठाकर उनके रथों पर रखी जाएंगी। जगन्नाथ मंदिर के पुजारी पं. श्याम महापात्रा के मुताबिक तकरीबन 7 बजे से तीनों मूर्तियों को मंदिर से बाहर लाना शुरू करेंगे। भगवान को रथ में बैठाने के बाद पूजा होगी।रथ में बैठाने के बाद भगवान जगन्नाथ का पहला दर्शन पुरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वती करेंगे। पुरी के राजा दिव्य सिंह देव रथ के आगे सोने की झाड़ू से बुहारा लगाएंगे। इसके बाद रथयात्रा शुरू होगी।
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सबसे पीछे भगवान जगन्नाथ का रथ
परंपरा के चलते सबसे पहले भगवान बलभद्र का रथ चलेगा। जो कि तकरीबन 45 फीट ऊंचा और लाल और हरे रंग का होता है। इसमें 14 पहिए लगे होते हैं। जिसका नाम ‘तालध्वज’ है। इसके पीछे ‘देवदलन’ नाम का करीब 44 फीट ऊंचा लाल और काले रंग का सुभद्रा का रथ होता है। जिसमें 12 चक्के होते हैं। आखिरी में भगवान जगन्नाथ का रथ होगा। इसका नाम ‘नंदीघोष’ है। जो कि पीले रंग का लगभग 45 फीट ऊंचा होता है। इनके रथ में 16 पहिए होते हैं। इसे सजाने में लगभग 1100 मीटर कपड़ा लगता है।
28 जून को मंदिर लौटेंगे भगवान
आज शाम तकरीबन 6 बजे तक भगवान जगन्नाथ के गुंडिचा मंदिर पहुंचने की संभावना है। वहां भगवान अपने बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ 7 दिन तक रुकेंगे। इसके बाद पंचांग के मुताबिक आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को यानी 28 जून को वापस मंदिर लौटेंगे। मंदिर लौटने वाली इस यात्रा को बहुड़ा यात्रा कहा जाता है।
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पुरी में आज से भगवान जगन्नाथ की विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा की शुरुआत हो रही है। रात 10:04 बजे जगन्नाथ जी, बहन सुभद्रा और भाई बलराम के साथ नगर भ्रमण के लिए निकलेंगे। अगले दिन रात 7.09 बजे वे अपनी मौसी के घर यानी गुंडिचा मंदिर जाएंगे और 9 दिनों तक वहीं रुकेंगे। इसके बाद वापस जगन्नाथ मंदिर लौट आएंगे।
शहर के छत्रीबाग क्षेत्र में रहवासियों का उत्साह कुछ दिनों से चरम पर है। यहां भगवान वेंकटेश मंगलवार शाम को उन्हें दर्शन देने निकलेंगे। चारधाम में से एक पुरी के भगवान जगन्नाथ की ऐतिहासिक रथयात्रा के दिन ही यह यात्रा भी 75 वर्षों से निकाली जा रही है। पहली यात्रा जानकीनाथ मंदिर गौराकुंड से निकली थी। विग्रह को ठेले पर रखकर 40 से 50 लोगों ने यात्रा निकाली थी।