क्या ज़रूरी है आधार? आज खत्म होगा सस्पेंस, सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ सुनाएगी फैसला

By | January 13, 2022

ब्यूरो रिपोर्ट समाचार भारती –

नई दिल्ली: आधार कार्ड योजना की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ का फैसला आएगा. इन याचिकाओं में आधार को निजता के मौलिक अधिकार का हनन बताया गया है. साथ ही, अलग-अलग सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए आधार को अनिवार्य बनाने को भी चुनौती दी गई है. इस मामले पर सरकार की दलील है कि आधार से योजनाएं असल ज़रूरतमंदों तक पहुंचीं साथ ही आर्थिक धोखधड़ी पर भी लगाम लगी.

क्या थी याचिका?
हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज के पुट्टास्वामी समेत कई जाने-माने लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर आधार योजना का विरोध किया. उनकी तरफ से दलील दी गई:-
* आधार कार्ड बनाने के लिए बायोमेट्रिक जानकारी लेना निजता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है.
* आधार एक्ट में इससे वैकल्पिक रखा गया है. किसी नागरिक के लिए आधार बनाना अनिवार्य नहीं है. लेकिन सरकारी योजनाओं का लाभ लेने से लेकर बैंक अकाउंट खोलने तक, हर जगह आधार को अनिवार्य कर दिया गया है. यानी एक तरह से लोगों को आधार कार्ड बनवाने के लिए मजबूर किया जा रहा है.
* सरकार नागरिकों की हर गतिविधि पर नज़र रखना चाहती है.
* आधार के आंकड़े सुरक्षित नहीं है. आधार के लिए जुटाई गयी बायोमैट्रिक जानकारी के लीक होने की लगातार खबरें सामने आती हैं. डाटा की सुरक्षा का सही बंदोबस्त नहीं है.

सरकार की दलील
सरकार ने आधार कार्ड योजना का पुरजोर बचाव किया. आधार बनाने वाली संस्था UIDAI के चेयरमैन अजय भूषण पांडे खुद भी कोर्ट में पेश हुए. सरकार और UIDAI की तरफ से कहा गया :-
* आधार से निजता के हनन की दलील गलत.
* आधार के लिए जुटाए गए आंकड़े पूरी तरह सुरक्षित.
* आधार से सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सही लोगों तक पहुंचा. हज़ारों करोड़ रुपये की चोरी बंद हो गयी.
* बैंक अकाउंट, इनकम टैक्स और वित्तीय लेन देन में आधार को अनिवार्य बनाने से काले धन पर लगाम लगेगी.
* एक देश, एक पहचान ज़रूरी. करीब 120 करोड़ लोग आधार बनवा चुके हैं. वो इससे मिली पहचान से खुश हैं.

कोर्ट के सवाल
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में बैठी 5 जजों की संविधान पीठ ने दोनों पक्षों से कड़े सवाल किए. कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से पूछा:-
* आधार के ज़रिए कल्याण योजनाओं का लाभ असल ज़रूरतमंदों को मिल रहा है. इसमें क्या दिक्कत है?
* क्या आप कहना चाहते हैं कि आपके जीवन में सरकार का कोई दखल न हो? ऐसा तभी मुमकिन है, जब कोई हिमालय में तपस्या करने चला जाए.
* क्या 120 करोड़ लोगों से जुटाई गई जानकारियों को नष्ट कर दिया जाए?

जबकि सरकार से कोर्ट ने पूछा :-
* जब एक्ट में आधार को अनिवार्य नहीं रखा गया तो लोगों को आधार बनवाने के लिए मजबूर क्यों किया जा रहा है?
* लोग वित्तीय गड़बड़ी कर के विदेश भाग जाते हैं. आधार का इस्तेमाल इसे कैसे रोक लेगा?
* बायोमेट्रिक जानकारी की सुरक्षा को लेकर याचिकाकर्ताओं की चिंता का क्या जवाब है?

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फैसले से क्या होगा
केंद्र सरकार आधार के ज़रिए बड़े-बड़े लक्ष्य हासिल करना चाहती है. आधार कार्ड पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का संभावित असर
* अगर कोर्ट बायोमेट्रिक जुटाने को गलत करार देता है तो आधार बनवाने की प्रक्रिया रुक जाएगी.
* अगर कोर्ट सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए आधार की अनिवार्यता को खत्म कर देता है, तो सरकार को फंड की चोरी रोकने और योजना का लाभ असल लोगों तक पहुंचाने के लिए मशक्कत करनी पड़ेगी.
* अगर कोर्ट बैंक अकाउंट खोलने या मोबाइल नंबर लेने के लिए आधार की अनिवार्यता को गलत बताता है, तो आधार के ज़रिए कई तरह के अपराध पर काबू पाने की सरकार की कोशिश असफल हो जाएगी.

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