एक कोशिश ऐसी भी…

By | November 18, 2022

मनीष गुप्ता, Editor-in-chief समाचार भारती

एक तो गरीबी ऊपर से बीमारी कोढ़ में खाज जैसा होता है यह
और यह भी सच है कि गरीबों के रिश्तेदार नहीं होते
फिर भी आपका व्यवहार आपके अच्छे कर्म आपकी किस्मत को पलट सकते हैं ।
* यदि आप जिंदा है तो आपके जिंदा होने का एहसास होना चाहिए ।
और वह एहसास तक ही होगा जब आप अपनों के अलावा परायो के लिए भी उतने ही भावुक एवं सतर्क होंगे।
आज की कहानी एक गरीब रिक्शा चालक की है …
ऋषि जी की सुबह-सुबह कॉल आई।
मैं ऋषि जी को बहुत ज्यादा नहीं जानती हूं परंतु फेसबुक के माध्यम से कभी ना कभी किसी ना किसी काम की वजह से वार्तालाप हुई है परंतु उनका विश्वास ही था इसलिए आज उन्होंने सुबह मुझे कॉल करके बताया कि जिस रिक्शेवाले की मदद के लिए हम आपसे बात करते थे दुर्भाग्यवश आज वह दुनिया छोड़ चले हैं।
चूंकि उनका कोई आगे पीछे नहीं है इसलिए अंतिम संस्कार में आपकी और शव को श्मशान घाट तक ले जाने के लिए आपके शव वाहन की आवश्यकता है।
तत्काल शव वाहन के साथ हम मॉडल हाउस पहुंच गए और देखा तेरी गली में शव रखा है।
शव को वहां से गाड़ी में रहकर श्मशान घाट तक ले जाया गया और साथ ही अंतिम संस्कार में विधिवत तरीके से अपना योगदान दिया गया।
उसी बीच में उन्होंने एक की एक भाई से मुलाकात कराई जिनकी तस्वीर आप नीचे देख सकते हैं जिनके पैरों में राड पड़ी है पिछले 10 साल से इसी राड के साथ जी रहे हैं पैर पूरी तरह से खराब हो चुके हैं परंतु उनके अंदर जीने की इच्छा है इसलिए प्रभु की कृपा से उनके इलाज की जिम्मेदारी भी संस्था स्वयं उठाएगी।
आप सभी लोगों का विश्वास यूं ही बना रहे ऐसी प्रभु से प्रार्थना है।
ऐसी ही किसी वास्तविक सेवा भी संपर्क कर सकते हैं संपर्क सूत्र वर्षा वर्मा 831 819 3805