
रिपोर्ट-इशिका सिंह
थाना कागरौल के गांव गढ़ी कालिया में राजेंद्र सिंह चाहर रहते थे, उनके पांच बेटे थे। राजेंद्र सिंह के पास 12 बीघा जमीन थी, जिससे उसने पांचों भाइयों में बराबर बांट दिया। हालांकि ढाई बीघा जमीन का उसने बंटवारा नहीं किया। इसको लेकर तीन भाई भानु प्रताप, हरवीर और जयप्रकाश विरोध कर रहे थे। मंगलवार सुबह 10 बजे घर में जमीन के बंटवारे को लेकर घर में ही पंचायत चल रही थी। इसी दौरान भाई सोम प्रकाश, रामप्रकाश और पिता राजेंद्र सिंह की कुल्हाड़ी और तलवार से हमला कर दिया। सोमप्रकाश और रामप्रकाश की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि राजेंद्र सिंह ने अस्पताल ले जाते समय दम तोड़ दिया।
(फाइल फोटो)
तिहरे हत्याकांड की घटना से गांव वाले चौंक गए हैं। राजेंद्र सिंह चाहर का मकान गांव की आबादी से कुछ दूरी पर है। हत्यारों ने घर से सभी महिलाओं बच्चों को दूर कर दिया था। घर में पांचों भाइयों के अलावा भानुप्रताप की पत्नी आरती थी। गांव वालों ने पुलिस को बताया कि सत्य प्रकाश उर्फ करुआ अविवाहित है, जो सबसे ज्यादा विरोध कर रहा था। सत्य प्रकाश ने पिता और भाइयों से साफ कह दिया था कि जमीन का बराबर-बराबर बंटवारा होना चाहिए नहीं तो अच्छा नहीं होगा। हालांकि राजेंद्र सिंह ने केवल 12 बीघा जमीन का बंटवारा किया और बाकी ढाई बीघा जमीन उसने अपने दो बेटों को देने के लिए छोड़ दी थी। यही बात तीनों भाइयों में खल रही थी। हत्या से पहले भानु प्रताप हरवीर, सत्य प्रकाश ने सोम प्रकाश और जयप्रकाश को मथुरा से बुलाया था। राजेंद्र सिंह भी उन्हीं दोनों के पास मथुरा रहते थे।