
यूसीसी को लाने के लिए बीजेपी ‘एक देश, एक क़ानून’ का नारा दे रही है, जिससे मुस्लिम समुदाय पर्सनल लॉ को लेकर गहरी चिंता में है।समुदाय के अंदर यूसीसी के विरोध में माहौल तैयार किया जा रहा है और व्हाट्सऐप ग्रुप और सोशल मीडिया के माध्यम से कहा जा रहा है कि लोग अपनी राय लॉ कमीशन (विधि आयोग) को जल्द-से-जल्द भेजें।
(फाइल फोटो)
जून के मध्य में 22वें विधि आयोग ने लोगों से यूसीसी पर एक महीने के अंदर राय मांगी है। अपनी रिपोर्ट इस महीने के मध्य में जारी कर सकता है, जिसमें लोगों की राय के आधार पर यूसीसी लागू करने या न करने की सलाह दी जाएगी।इससे पहले 21वें विधि आयोग ने कहा था “समान नागरिक संहिता ग़ैर-ज़रूरी है।”
(फाइल फोटो)
यूसीसी का विरोध कई समुदाय कर रहे हैं, जिनमें मुसलमान सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय है।उन्हें आशंका है कि समुदाय के शरिया पर आधारित मुस्लिम पर्सनल लॉ को ख़त्म कर दिया जाएगा। मुस्लिम पर्सनल लॉ सालों से विवाद में है लेकिन मुसलमान धर्म गुरुओं का कहना है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ के बारे में लोगों के अंदर ग़लतफ़हमियां जानकारी की कमी के कारण है।