अयोध्या से संवादाता रमेश कुमार की रिपोर्ट
रामनगरी अयोध्या के उत्तर स्थित सरयू नदी का जल स्तर लगातार बढने से तटीय इलाक़ो के डूबने का खतरा बढ़ गया है। सोमवार को नदी का जल स्तर बढ़ गया। जिससे नदी के किनारे स्थित शमशान घाट की लकड़ियां बह गयी। इसे पहाड़ो पर हो रही बारिश का असर बताया जा रहा है।केंद्रीय जल आयोग अयोध्या के अनुसार 24 घंटे में 88 सेंटीमीटर बढ़ी है। दरअसल कोरोना काल मे सरयू घाट के बैकुण्ठ धाम में 100 के करीब शवों का दाह संस्कार होता है। जिसमे से कई कोरोना संक्रमित शव का भी दाह संस्कार होता है। ऐसे में बैकुंठ धाम में दाह संस्कार को लेकर लोगों को बड़ी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि बैकुंठ धाम में पानी भर जाने की वजह से एक ओर जहां लकड़ियां गीली हो गई हैं वहीं दूसरी ओर पानी में दाह संस्कार के लिए भूमि भी डूब गई है।आज तक सरकार और अयोध्या के जिला प्रशासन ने दाह संस्कार के लिए उचित प्लेटफार्म भी नहीं बनाया है।वही सरयू तट स्थित केंद्रीय जल आयोग के अधिकारी संजीव कुमार के मुुुताबिक 24 घंटे में सरयू का जलस्तर प्रति घंटा 10 सेंटीमीटर के हिसाब से बढ़ा है।इसके पीछे पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश बड़ा कारण है।क्योंकि बारिश होने से डैम का पानी खोल दिया जाता है। अभी सरयू का जलस्तर 90.180 सेंटीमीटर पहुंच गया है। सरयू का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और यह माना जा रहा है कि अभी 40 सेंटीमीटर सरयू का जलस्तर और बढ़ेगा। वही सरयू घाट पर जब जलस्तर कम था तो पंडा समाज ने अपनी चौकी घाट पर लगा रखी थी। लेकिन अचानक सरयू के जलस्तर में बढ़ोतरी की वजह से पंडा समाज की लगी हुई कई चौकिया डूब गई हैं। सरयू नदी के किनारे माझा क्षेत्र में बोल गई फसल भी सरयू नदी के जलस्तर के बढ़ने के वजह से खतरे में है।
