अपराध का एक और अध्याय ख़त्म

By | June 9, 2023
मृत जीवा की हाली में पुलिस द्वारा जारी की गयी तस्वीर

जुर्म की दुनिया का वो नाम जो कल ख़त्म हो चुका है और जिसकी हत्या के समय २ और लोगो को गोली लगी है फिलहाल सबको अस्पताल मै भर्ती करवाया गया है|
जी हाँ मै बात कर रही हूँ संजीव माहेश्वरी उर्फ़ जीवा जिसकी हत्या कल दिनदहाड़े लखनऊ के SC/ST कोर्ट मै हुई है जहा उसे  पेशी पे लाया गया था|

पेशी पर लाया गया जीवा (फाइल फोटो)

संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा,जी हां जरायम की दुनिया का वह नाम, जो कभी मुख्तार की आंखों का तारा हुआ करता था ,लेकिन कल लखनऊ की एक कोर्ट में दिनदहाड़े अपराध के इस पर्याय का अंत ,बड़ी बेरहमी से हो गया lजीवा की जुर्म के दास्ता की फेहरिस्त इतनी लंबी है, की अगर हम अपनी पूरी स्टोरी में दिखाना चाहेंगे ,तो आपको इसको एक सीरीज के रूप में देखना पड़ेगा ,लेकिन पश्चिमी यूपी का यह माफिया कैसे लोगों की नाक का बाल बन गया ?और कैसे बड़े-बड़े माफियाओं का आंखों का तारा ?….समाचार भारती की इस एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में इन सभी बातों पर से एक के बाद एक पर्दा उठेगा, जी हां जिसे हम आज जीवा के नाम से जान रहे हैं ,दरअसल उसका पूरा नाम है “संजीव महेश्वरी” है, जी हां वही संजीव महेश्वरी जो कभी वेस्टर्न यूपी में कंपाउंडर हुआ करता था lजुर्म की दास्तां शुरू हुई खुद के मालिक को अगवा करने के बाद l उत्तर प्रदेश के मानचित्र पर यह है यहां का पश्चिमी हिस्सा, जो खेती-किसानी के लिए देश और देश के बाहर जाना जाता है, तो उतना ही ज्यादा गैंगस्टर और अपराधियों के लिए कुख्यात रहा है। भाटी गैंग, बदन सिंह बद्दो, मुकीम काला गैंग और न जाने कितने अपराधियों के बीच संजीव माहेश्वरी का भी नाम जुर्म की दुनिया में पनपा l 90 के दशक में “संजीव माहेश्वरी” ने अपना खौफ पैदा आम जनता के बीच पैदा करना शुरू कर दिया था , फिर धीरे-धीरे वह पुलिस और आम जनता के लिए सिर दर्द बनता चला गया।

  वकील के भेष में आया हत्यारा विजय यादव (फाइल फोटो)

आज बात पश्चिमी यूपी के कुख्यात अपराधी संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की इसलिए, क्योंकि अब जीवा मार दिया गया है, जी हां यह वही “संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा” है ,जो कभी मुख्तार की आंखों का तारा हुआ करता था lबीते दिनों शामली पुलिस ने उसी के गैंग के एक शख्स को एके-47, करीब 1300 कारतूस और तीन मैगजीन के साथ पकड़ा । शामली पुलिस ने रास्ते में चेकिंग के दौरान अनिल नाम के शख्स को धर दबोचा था। दरअसल, जीवा मुजफ्फरनगर का रहने वाला है। शुरुआती दिनों में वह एक दवाखाना संचालक के यहां कंपाउंडर की नौकरी करता था।
इसी नौकरी के दौरान जीवा ने अपने मालिक यानी दवाखाना संचालक को ही अगवा कर लिया था। इस घटना के बाद उसने 90 के दशक में कोलकाता के एक कारोबारी के बेटे का भी अपहरण किया और फिरौती दो करोड़ की मांगी थी। उस वक्त किसी से दो करोड़ की फिरौती की मांग होना भी अपने आप में बहुत बड़ी बात होती थी। इसके बाद जीवा हरिद्वार के नाजिम गैंग में घुसा और फिर सतेंद्र बरनाला के साथ जुड़ा ,लेकिन उसके अंदर अपनी गैंग बनाने की तड़प थी।
इसके बाद उसका नाम 10 फरवरी 1997 को हुई भाजपा के कद्दावर नेता “ब्रम्ह दत्त द्विवेदी” की हत्या में सामने आया। जिसमें बाद में संजीव जीवा को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। फिर जीवा थोड़े दिनों बाद “मुन्ना बजरंगी गैंग” में घुस गया और इसी बीच उसका संपर्क “मुख्तार अंसारी” से हुआ। कहते हैं कि मुख्तार को अत्याधुनिक हथियारों का शौक था,तो जीवा के पास हथियारों को जुटाने का तिकड़मी नेटवर्क था। इसी कारण उसे अंसारी का वरदहस्त भी प्राप्त हुआ और फिर संजीव जीवा का नाम “कृष्णानंद राय हत्याकांड” में भी आया।

                                                                  मृत जीवा की लाश (फाइल फोटो)

हालांकि, कुछ सालों बाद मुख्तार और जीवा को साल 2005 में हुए कृष्णानंद राय हत्याकांड में कोर्ट ने बरी कर दिया था। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा पर 22 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हुए। इनमें से 17 मामलों में संजीव बरी हो चुका था , जबकि उसकी गैंग में 35 से ज्यादा सदस्य मौजूद थे। वहीं, संजीव पर जेल से भी गैंग ऑपरेट करने के आरोप लगते रहे हैं।
जीवा पर साल 2017 में कारोबारी अमित दीक्षित उर्फ गोल्डी हत्याकांड में भी आरोप लगे थे, इसमें जांच के बाद अदालत ने जीवा समेत 4 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। हालांकि जीवा फिलहाल लखनऊ की जेल में बंद था, लेकिन साल 2021 में जीवा की पत्नी पायल ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को पत्र लिखकर कहा था कि जीवा की जान को खतरा है। जीवा की पत्नी पायल 2017 में आरएलडी के टिकट पर विधानसभा चुनाव भी लड़ चुकी हैं और उन्हें हार मिली थी। लेकिन कल पेशी पर आए एससी एसटी कोर्ट में जीवा की निर्मम हत्या कर दी गई l जरायम का यह पर्याय चंद्र गोलियों में सिमट कर रह गया और साथ ही अंत हुआ,जरायम की दुनिया के उस नुमाइंदे का ,जो कभी अपराधियों का सरपरस्त हुआ करता था lफिलहाल जीवा का गुरु यानी मुख्तार,जेल की सलाखों के पीछे अपने दिन काट रहा है और जीवा के मरने के बाद, जरायम की दुनिया का पूरा साम्राज्य खात्मे की तरफ आगे बढ़ रहा है l सहयोगी वर्षिका प्रजापति और इशिका सिंह के साथ लखनऊ से मनीष गुप्ता की रिपोर्ट….