
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। अब, 22 जनवरी 2024 को राम लला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होने वाला है। इस कार्यक्रम में देशभर से लाखों श्रद्धालु भाग लेने के लिए आ रहे हैं।
इस कार्यक्रम के लिए निमंत्रण पत्र बांटने का काम शुरू हो चुका है। निमंत्रण पत्रों को दो श्रेणियों में बांटा गया है:
- व्यक्तिगत निमंत्रण पत्र: ये निमंत्रण पत्र उन लोगों को भेजे जा रहे हैं, जिन्हें मंदिर निर्माण समिति ने विशेष रूप से आमंत्रित किया है। इनमें देश के प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, सांसद, विधायक, संत-महंत, धार्मिक नेता, पत्रकार, लेखक, कलाकार आदि शामिल हैं।
- सार्वजनिक निमंत्रण पत्र: ये निमंत्रण पत्र आम श्रद्धालुओं को भेजे जा रहे हैं। इन निमंत्रण पत्रों में मंदिर निर्माण समिति ने सभी लोगों से अपील की है कि वे इस ऐतिहासिक दिन के साक्षी बनने के लिए अयोध्या आएं।
व्यक्तिगत निमंत्रण पत्रों में मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृत्यगोपाल दास के हस्ताक्षर हैं। इन पत्रों में लिखा है कि “मंदिर निर्माण समिति, अयोध्या आपको 22 जनवरी 2024 को राम जन्मभूमि पर राम लला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में उपस्थित रहने के लिए आमंत्रित करती है। यह एक ऐतिहासिक दिन है, जब भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर में उनकी मूर्तियों की स्थापना की जाएगी। आपसे अनुरोध है कि इस अवसर पर शरीक होकर इस महान ऐतिहासिक क्षण की साक्षी बनें।”
सार्वजनिक निमंत्रण पत्रों में भी मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृत्यगोपाल दास के हस्ताक्षर हैं। इन पत्रों में लिखा है कि “मंदिर निर्माण समिति, अयोध्या आपको 22 जनवरी 2024 को राम जन्मभूमि पर राम लला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में उपस्थित रहने के लिए आमंत्रित करती है। यह एक ऐतिहासिक दिन है, जब भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर में उनकी मूर्तियों की स्थापना की जाएगी। आपसे अनुरोध है कि इस अवसर पर शरीक होकर इस महान ऐतिहासिक क्षण की साक्षी बनें।”
इस निमंत्रण पत्र में मंदिर निर्माण समिति ने यह भी बताया है कि कार्यक्रम में शामिल होने के लिए श्रद्धालुओं को 22 जनवरी 2024 को सुबह 5 बजे तक अयोध्या पहुंच जाना चाहिए। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए श्रद्धालुओं को निम्नलिखित सामान साथ लाना होगा:
- सफेद कपड़े
- जूते-चप्पल
- टोपी या दुपट्टा
- पानी की बोतल
- नाश्ता और दोपहर का भोजन
राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा समारोह भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना होगी। यह समारोह भारत की एकता और अखंडता को मजबूत करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।