राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने मुख्यमंत्री जी को उनका वादा याद दिलाने के लिए किया प्रेस वार्ता

By | January 12, 2022

वरिष्ठ छायाकार पंकज जोशी के साथ संतोष राय की रिपोर्ट:

कर्मचारियों की मांगे पूरी करने के लिए मुख्यमंत्री जी का आभार।

लंबित मांगों पर 15 जनवरी तक दिया गया है
15 जनवरी के बाद होगी आंदोलन की घोषण

उस समय मुख्यमंत्री जी ने कर्मचारियों की मांगों पर सहमति व्यक्त करते हुए शीघ्र कार्यवाही का आश्वासन दिया था ।धीरे धीरे कर्मचारियों की कई महत्वपूर्ण मांगों पर निर्णय हो गया है।

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने जुलाई माह में 14 सूत्रीय मांग पत्र मुख्यमंत्री जी को सौंपा था जिस के क्रम में कुछ मांगों पर आदेश दिया गया बची मांगों को लेकर उनका वादा याद दिलाने के लिए 24 दिसंबर को लखनऊ में सरोजनी नायडू पार्क में धरना प्रदर्शन कर विधानसभा कूच का कार्यक्रम भी किया था ।

उसके बाद राज्य कर्मचारियों के लिए जुलाई से तीन प्रतिशत महंगाई भत्ता, आशा बहुओं का मानदेय दोगुना किया जाना,उनके लिए 2500 प्रति माह कोविड भत्ता दिया जाना विभाग की स्मार्ट वर्किंग से जोड़ने के लिए प्रथम चरण में 80000 आशाओं को स्मार्टफोन वितरण किया जाना, आंगनवाड़ी ,रसोईया एवं बेसिक शिक्षा परिषद के अनुदेशकों का मानदेय बढ़ाया जाना ,रसोईया के लिए साल में दो साड़ी दिया जाना, एप्रन, कैप के लिए उनके खाते में सीधा भुगतान किया जाना, आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए समय से मजदूरी का भुगतान किया जाना ,उनको सेवा से नहीं निकाले जाने से संबंधित आदेश किया जाना ,पेंशनर्स के लिए ऑनलाइन व्यवस्था सुनिश्चित किया है।

करते हुए पेंशनर्स की समस्या का समाधान कराया जाना, जीवित सर्टिफिकेट की व्यवस्था घर पर कराया जाना, कर्मचारियों को कैशलेस इलाज सुविधा दिया जाना, सहित कई मांगों पर आदेश जारी हो चुका है। निर्गत किए गए आदेशों के लिए राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री जी का आभार व्यक्त किया

उन्होंने ने अवगत कराया है कि अभी भी महंगाई भत्ते के 18 महीने के एरियर का भुगतान, मुख्य सचिव समिति के माध्यम से चकबंदी अधिकारी संवर्ग, खाद्य रसद निरीक्षक विभाग के विपणन संवर्ग, लैब टेक्नीशियन, आशुलिपिक, सहित विभिन्न संवर्गों की वेतन विसंगतियों पर निर्णय कराया जाना.

एनपीएस में केंद्र सरकार द्वारा किए गए संशोधनों को लागू कराया जाना, एसीपी की विसंगतियां दूर किया जाना, समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत कार्यरत आश्रम पद्धति विद्यालय के शिक्षकों को सातवें वेतन आयोग का लाभ दिया जाना,आउट सोर्स एवं संविदा प्रथा समाप्त किया जाना, अब तक रखे गए आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए नियमावली बनाकर उनकी सेवा एवं वेतन का संरक्षण किया जाना,

संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण किया जाना ,पूर्व में 2001 तक नियमित कर्मचारियों को पेंशन का लाभ दिया जाना, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति लाभों के अंतर्गत नकदीकरण की सुविधा दिया जाना, योग्य कर्मचारियों की पदोन्नति शिक्षक के पद पर किया जाना, , एसजीपीजीआई में आउटसोर्स पर कार्यरत 800 तकनीकी कर्मचारियों को यथावत सेवा में रखा जाना सहित कुछ अन्य मांगों पर निर्णय नहीं हो सके हैं।

लंबित मांगों पर कार्यवाही के लिए संयुक्त परिषद ने प्रदेश के मुख्य सचिव से सोमवार को मुलाकात कर ज्ञापन देने का निर्णय लिया है। 24 दिसंबर 2021 के धरना प्रदर्शन में संयुक्त परिषद ने लंबित मांगों पर कार्यवाही के लिए 15 जनवरी तक का समय दिया था, जिसमें से 50% से अधिक मांगे तो पूरी हो चुकी है लेकिन शेष मांगों पर यदि सरकार 15 जनवरी से पहले निर्णय नहीं कर देती है तो 15 जनवरी के बाद समय सामायिक आंदोलन का निर्णय लिया जाएगा।

प्रेस वार्ता में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी के अलावा कार्यवाहक महामंत्री रेनू मिश्रा, फूड एंड सिविल सप्लाईज इंस्पेक्टर्स ऑफीसर्स एसोसिएशन की वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रीति पांडे ,उपाध्यक्ष अर्पणा अवस्थी, चकबंदी अधिकारी संघ के महामंत्री आदित्य नारायण झा माध्यमिक शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघ के संयोजक ओमप्रकाश पांडे.

चिकित्सा शिक्षा लैब टेक्नीशियन कल्याण समिति के अध्यक्ष अमित कुमार वर्मा,राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद नगरीय परिवहन इकाई शाखा के अध्यक्ष महेंद्र सिंह, महामंत्री गोविंद कुमार, आशा हेल्थ वर्कर्स एसोसिएशन की प्रदेश अध्यक्ष कुसुम लता यादव संयुक्त परिषद की कोषाध्यक्ष अजय लक्ष्मी सहित संयुक्त परिषद से जुड़े संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित थे.