दिल्ली हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला, अब अपराधी भी मांग सकेंगे भीख !

By | January 13, 2022

ब्यूरो रिपोर्ट समाचार भारती –

जी हां आप सोच रहे होंगे की जो अपराधी, अपराध करके लाखों करोड़ों रुपए कमाते हैं ,उनको भीख मांगने की क्या जरूरत है| लेकिन यह खबर हम उन अपराधियों के संबंध में नहीं बता रहे हैं ,जो वाकई में अपराधी हैं यह बात है उन अपराधियों की  जिनको ना खाना मिल पाता है और ना ही वह आर्थिक रुप से मजबूत हैं। यानी भिखारी जिनको अब तक अपराधियों की श्रेणी में गिना जाता था ।दिल्ली हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में ऐसे कृत्य करने वाले भिखारियों को दंडित करने के प्रावधान को असंवैधानिक करार देते हुए, उसे रद्द करने के आदेश दिए हैंl अदालत ने इस कानून की कुल 25 धाराओं को निरस्त कर दिया है l

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने कहा की भीख मांगने को अपराध बनाने वाले मुंबई भीख रोकथाम कानून के प्रावधान संवैधानिक जांच में कहीं भी टिक नहीं सकते lपीठ नें अपने 23 पेज के फैसले में कहा कि इस फैसले का परिणाम यह होगा, भीख मांगने का अपराध कथित रूप से करने वालों के खिलाफ कानून के तहत मुकदमा खारिज करने योग्य होगाl इस फैसले को सुनाने से पहले पीठ नें तमाम आर्थिक और अनुभव पर आधारित पहलुओं पर विचार करने के बाद मूल रूप दिया lहाई कोर्ट ने यह फैसला हर्ष मंदर और कर्णिका साहनी की जनहित याचिकाओं पर सुनाया, जिसमें कहा गया था कि, राष्ट्रीय राजधानी में भिखारियों के लिए मूलभूत मानवीय और मौलिक अधिकार मुहैया कराए जाने का कोशिश की जाए l

इस मुद्दे पर केंद्र सरकार ने कहा था कि वह भीख मांगने को अपराध की श्रेणी से बाहर नहीं कर सकती, क्योंकि कानून में पर्याप्त संतुलन है और इस कानून के तहत भीख मांगना अपराध की श्रेणी में ही आता है lअदालत ने 16 मई को पूछा था कि ऐसे देश में भीख मांगना भला अपराध कैसे हो सकता है, जहां सरकार भोजन और नौकरियां प्रदान करने में असमर्थ है lफिलहाल यह फैसला यूपी के संम्बन्ध में नहीं हुआ है और यहां भीख मांगना अभी भी अपराध की श्रेणी में आता हैl यानी उत्तर प्रदेश में भिक्षावृत्ति एक्ट में किसी भी प्रकार के बदलाव कि फिलहाल अभी कोई संभावना नहीं हैl

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